25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

राउरकेला एयरपोर्ट में वेदर मॉनीटरिंग और नाइट लैंडिग सिस्टम नहीं होने का खामियाजा भुगत रहे यात्री

महज पांच करोड़ रुपये का खर्च है, जो बहुत ही छोटी रकम है. लेकिन, यह नहीं होने के कारण यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है.

राउरकेला एयरपोर्ट को आनन-फानन में शुरू कर दिया गया है. यहां पर वेदर मॉनीटरिंग सिस्टम और नाइट लैंडिंग सिस्टम की व्यवस्था नहीं की गयी है. नतीजतन यहां पर रात के समय विमान लैंड नहीं होता है. वहीं, मौसम में जरा भी खराबी होने पर फ्लाइट को कैंसिल कर दिया जाता है. ऐसे में यात्री खुद को ठगा महसूस करते हैं.

इन बुनियादी सुविधाओं की कमी का खमियाजा गुरुवार को भी यात्रियों को भुगतना पड़ा, जब सुबह से मौसम खराब होने के कारण भुवनेश्वर से यात्रियों को लेकर राउरकेला के लिए निकली एयर अलायंस की फ्लाइट को कैंसिल कर दिया गया. इससे यात्रियों में खासी नाराजगी देखी गयी. वहीं, इस पूरी समस्या को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता बिमल बिशी ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर अवगत कराया है.

कहीं यात्रियों का उत्साह न पड़ जाये ठंडा

इस संबंध में बिमल बिशी बताते हैं कि जिन सुविधाओं की कमी के कारण एयरपोर्ट पर परेशानियां आ रही हैं उसे विकसित करने में महज पांच करोड़ रुपये का खर्च है, जो बहुत ही छोटी रकम है. लेकिन, यह नहीं होने के कारण यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. फिलहाल राउरकेला से विमान सेवा को जारी रखने के लिए शहरवासी बेहद उत्साहित हैं और 80 फीसद सीट बुक रहती है. शहर से अभी 72 सीटर विमान चल रहे हैं और आज राउरकेला से भुवनेश्वर की यात्रा के लिए 62 यात्रियों की बुकिंग थी. लेकिन अगर इस तरह से समस्याएं आती रहीं तो यात्रियों का उत्साह भी ठंडा पड़ जायेगा.

Also Read: Odisha News: बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने आंदोलन में शामिल संबलपुर के 54 वकीलों का वापस लिया निलंबन
एनआइटी व आरएसपी हैं बड़े ग्राहक

गुरुवार को भुवनेश्वर से जो फ्लाइट राउरकेला के लिए आ रही थी उसमें एनआइटी के कई प्रोफेसर्स, कर्मचारी और अतिथि मौजूद थे. दरअसल 17 मार्च से एनआइटी में राष्ट्रीय स्तर का एक सम्मेलन शुरू हो रहा है, जिसमें भाग लेने के लिए सभी आ रहे थे. अब फ्लाइट झारसुगुड़ा में लैंड होने के कारण उन्हें भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा. यहां बताना जरूरी है कि एनआइटी और आरएसपी राउरकेला एयरपोर्ट को शुरू कराने में एक बड़ा योगदान है. क्योंकि, यहां आने-जाने वालों की वजह से फ्लाइट में ग्राहकों की कमी को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था.

महज पांच करोड़ रुपये की वजह से ये समस्याएं हैं, जो आश्चर्यजनक है. राउरकेला एयरपोर्ट को इस तरह से छोड़ दिया गया है, जैसे यहां पर कुछ भी नहीं है. जबकि शहरवासी इस सेवा को बरकरार रखने के लिए इसका जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं. इसका उदाहरण 62 यात्रियों की सूची है, जिन्होंने भुवनेश्वर की हवाई यात्रा के लिए टिकट बुक कराये थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें