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Bhubaneswar News: प्राकृतिक, सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों से समृद्ध है क्योंझर जिला, पर्यटन सुविधाओं का हो विकास : आनंत नायक

Bhubaneswar News: सांसद अनंत नायक ने लोकसभा में क्योंझर जिले में पर्यटन सुविधाओं के विकास की मांग उठायी.

Bhubaneswar News: ओडिशा के क्योंझर से लोकसभा सांसद अनंत नायक ने गुरुवार को शून्यकाल के दौरान जिले में पर्यटन विकास की आवश्यकता का मुद्दा जोरदार ढंग से उठाया. उन्होंने कहा कि क्योंझर जिला प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक स्थलों से भरपूर होते हुए भी अब तक पर्यटन के क्षेत्र में अपेक्षित विकास से वंचित है. सांसद श्री नायक ने लोकसभा में कहा कि क्योंझर जिले के 150 किलोमीटर की परिधि में लगभग 22 प्रमुख प्राकृतिक स्थल मौजूद हैं, जिनका समुचित विकास कर राज्य के पर्यटन मानचित्र में एक नयी पहचान दी जा सकती है.

ओडिशा की अर्थव्यवस्था मजबूत करने में होगा सहायक

यदि इन स्थलों में आधारभूत संरचना का विकास किया जाये और उचित प्रचार-प्रसार किया जाये, तो यह न केवल क्योंझर, बल्कि पूरे ओडिशा की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायक होगा. उन्होंने विशेष रूप से घटगांव स्थित मां तारिणी मंदिर का उल्लेख किया, जहां पुरी के श्रीजगन्नाथ मंदिर के बाद ओडिशा में सबसे अधिक श्रद्धालुओं दर्शन के लिए पहुंचते हैं. इसके अतिरिक्त, सिताबिंज, जो रामायण काल से जुड़ा है, भीमकुंड, जो महाभारत से जुड़ा है, कुशलेश्वर महादेव मंदिर, बाराटीपरा महादेव, मुरुगा महादेव मंदिर और चक्रतीर्थ जैसे कई धार्मिक स्थलों को भी पर्यटन दृष्टिकोण से विकसित किये जाने की आवश्यकता बतायी.

गोनासिका को धार्मिक पर्यटन के रूप में किया जा सकता है विकसित

श्री नायक ने कहा कि गोनासिका, जहां पवित्र वैतरणी नदी का उद्गम होता है, को भी गंगा नदी की भांति धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है. इसके अलावा, जिले में मौजूद अनेक जलप्रपात जैसे सानघाघरा, गुंडिचाघाघी, हांडीभंगा, बड़ घाघरा, खंडाधार को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि क्योंझर में पिकनिक और वन भ्रमण के लिए भी केसरी कुंड, तेनतेइनाली, गिरिडीह बांध, काइझर, काइजोड़ा, दरगड़शिला, डाबरचुआ, संगड़हड़ा आदि कई सुंदर स्थल हैं.

अपार संभावनाएं, लेकिन आधारभूत संरचना की कमी

सांसद ने कहा कि क्योंझर जिले में पर्यटन के अपार संभावनाएं हैं, लेकिन आधारभूत संरचना की कमी और उचित प्रचार-प्रसार के अभाव में इन क्षेत्रों को पर्यटन के नक्शे पर उचित स्थान नहीं मिल पाया है. उन्होंने कहा कि यदि इस क्षेत्र में धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पर्यटन को प्रोत्साहन दिया जाये, तो स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा. साथ ही, एडवेंचर टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा, जो पर्यावरण की सुरक्षा के साथ सतत पर्यटन को बल देगा. इसके लिए उन्होंने विशेष योजना और बजट आवंटन की भी मांग की.

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