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सावन की तीसरी सोमवारी : घाेघड़धाम में जलाभिषेक के लिए कांवरियों का जत्था रवाना

तीसरी सोमवारी पर महादेव का जलाभिषेक करने के लिए रविवार को राउरकेला से कांवरियों का जत्था घोघड़धाम रवाना हुआ. इस दौरान वेदव्यास-कांसबहाल मार्ग बोल बम के जयकारे से गूंजायमान रहा.

राउरकेला. शहर में लगातार चार दिनों तक हुई लगातार बारिश के बाद रविवार को दोपहर में धूप खिलने से मौसम सुहाना रहा. ऐसे मौसम में सावन की तीसरी सोमवारी को घोघड़धाम एवं आसपास के शिवालयों में जलाभिषेक के लिए वेदव्यास त्रिवेणी संगम से जल उठाने के लिए सुबह से ही कांवरियों का तांता लगना शुरू हो गया था. दोपहर के बाद वेदव्यास त्रिवेणी संगम में हर तरफ गेरुआ वस्त्र धारण किये कांवरिये नजर आ रहे थे. पूरा वेदव्यास पीठ बोल बम व हर-हर महादेव के उद्घोष से गुंजायमान हो रहा था. यहां झारखंड, छत्तीसगढ़ व ओडिशा से श्रद्धालु पहुंच कर जल उठाकर शाम में पैदल घोघड़ धाम के लिए रवाना हुए. कांवरियों के लिए वेदव्यास मंदिर ट्रस्ट तथा अन्य संगठनों की ओर से विशेष प्रबंध किये गये थे. पुलिस प्रशासन की ओर से भी भक्तों की सुरक्षा के लिए भी पर्याप्त व्यवस्था की गयी थी. कई कांवरिये ट्रेन से राउरकेला पहुंचे थे.

सामाजिक संगठनों ने लगाया भंडारा

विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से कांवरियों के लिए भंडारा लगाया गया था. जिसमें मानस परिषद की ओर से हनुमान वाटिका में भंडारा लगाया गया. इसके अलावा अन्य सामाजिक संगठन भी कांवरियों की सेवा में लगे रहे. वेदव्यास संगम पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किये गये थे. वहीं त्रिवेणी संगम पर नाव के जरिये भी विशेष निगरानी की जा रही थी. रविवार को शाम ढलने के बाद यहां से कावंरिया जल लेकर घोघड़धाम, गुप्तेश्वर महादेव मंदिर समेत अन्य शिवालयों में जलाभिषेक के लिए रवाना हो गये. वेदव्यास में ओडिशा के विभिन्न जिलों सहित छत्तीसगढ़, झारखंड से भी हजारों शिव भक्त पहुंचे थे.

बाल कांवर निकाल 200 बच्चों ने किया जलाभिषेक

अखिल भारतीय अग्रवाल महिला सम्मेलन की ओर से बच्चों को सनातन संस्कृति से जोड़ने की पहल के तहत रविवार को बाल कांवड़ यात्रा का भव्य आयोजन किया गया. अग्रवाल महिला सम्मेलन की टीम की अगुवाई में रविवार सुबह छह बजे पानपोष में ब्राह्मणी नदी तट पर आकर्षक कांवड़ के साथ 200 बच्चों की टोली जुटी. बच्चों ने बोल बम के जयकारे के साथ नदी तट तक कांवड़ यात्रा निकाली. करीब एक किलोमीटर पूरी कर बच्चे जगन्नाथ मंदिर परिसर पहुंचे. यहां के शिवालय में मंत्रोच्चार के बीच जलाभिषेक किया. नृत्य मंडली ने मां पार्वती और भोले बाबा की जीवनी पर नृत्य प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया. नंदी महाराज के नृत्य पर सब खूब नाचे-झूमे. सम्मेलन के पदाधिकारियों ने बच्चों को अपनी संस्कृति से जोड़े रखने के लिए बाल कांवड़ यात्रा के सफल आयोजन पर खुशी जतायी.

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