मनोहरपुर : पश्चिमी सिंहभूम में सुखाड़ के कारण किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं. जिले के आनंदपुर प्रखंड की सतबमड़ी गांव की बुधनी तिर्की (45) पर 20 हजार से अधिक का कर्ज था. उसने यह कर्ज अपनी दो एकड़ भूमि पर फसल लगाने के लिए लिये थे़ उम्मीद थी कि फसल होगी, तो वह कर्ज चुका कर चार बच्चों को पाल सकेगी़ बुधनी तिर्की के पति का निधन 2001 में ही हाे गया था़ 26 सितंबर को वह अपने खेत पहुंची.
फसलों की हालत देख कर उसका हौसला टूट गया. समय पर बारिश नहीं होने के कारण धान के बीचड़े पूरी तरह से पीले पड़ गये थे. फसल होने की कोई संभावना नहीं बची थी. अपने और परिवार के अंधकारमय भविष्य को देखते हुए बुधनी ने खेत के सामने आम के पेड़ पर फांसी लगा ली़ अब बुधनी के बड़े पुत्र नवीन तिर्की (22) पर अपने भाई-बहनों की जिम्मेवारी आ गयी है.
वह मजदूरी में लग गया है. उसका एक छोटा भाई मांगी तिर्की (13), दो बहनें गंगीया तिर्की (8) व कर्मी तिर्की (05) हैं. दोनों छोटी बहनें सरकारी विद्यालय में पढ़ती है. परिवार में एक और सदस्य है. बुधनी की 70 वर्षीय वृद्ध सास बांधो तिर्की. बांधो बताती है कि बेटे को खोने के बाद मेरी बहू ही बुढ़ापे का सहारा थी. परिस्थिति को क्या मंजूर है, इन बच्चों का सहारा इस उम्र में मैं कैसे बनूं.