सिमडेगा. झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश पर शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से व्यवहार न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. इसका मुख्य उद्देश्य आम नागरिकों को त्वरित, सुलभ व कम खर्च में न्याय उपलब्ध कराना था. राष्ट्रीय लोक अदालत का ऑनलाइन उद्घाटन दुमका से झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान ने किया. इस अवसर पर झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद, न्यायमूर्ति आनंद सेन एवं न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार श्रीवास्तव भी उपस्थित रहे. स्थानीय स्तर पर लोक अदालत का उद्घाटन प्राधिकार के अध्यक्ष सह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजीव कुमार सिन्हा, उपायुक्त कंचन सिंह तथा पुलिस अधीक्षक एम अर्शी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधान जिला जज ने कहा कि लोक अदालत न्याय पाने का एक सशक्त वैकल्पिक मंच है, जहां आपसी सहमति से विवादों का समाधान किया जाता है. इससे न केवल न्याय शीघ्र मिलता है, बल्कि न्यायालयों पर बढ़ते मामलों का बोझ कम होता है. उपायुक्त कंचन सिंह ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से छोटे-बड़े विवादों का शांतिपूर्ण समाधान संभव होता है, जिससे आम जनता में न्यायिक व्यवस्था के प्रति विश्वास और अधिक मजबूत होता है. उन्होंने अधिक से अधिक लोगों से लोक अदालत का लाभ उठाने की अपील की. पुलिस अधीक्षक एम अर्शी ने कहा कि आपसी समझौते से मामलों का निबटारा होने से सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा मिलता है और लंबे समय से लंबित मामलों से लोगों को राहत मिलती है. राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न श्रेणियों के मामलों की सुनवाई की गयी. आपसी सहमति के आधार पर कुल 22291 मामलों का निष्पादन किया गया. इसमें कुल 58 लाख, 85 हजार, 179 रुपये की राशि पर समझौता हुआ. निबटाये गये मामलों में बैंक ऋण से संबंधित 37, समझौता योग्य आपराधिक 22, भू-अर्जन से जुड़े 119, मोटर दुर्घटना दावा से संबंधित एक, विद्युत विवाद 37, वैवाहिक विवाद चार, अन्य सिविल वाद 609, सर्टिफिकेट व पेंशन से जुड़े 19,407, अन्य श्रेणी के 1,339, राजस्व से संबंधित 571 तथा सेवा से जुड़े 24 मामले शामिल हैं. मामलों के निष्पादन के लिए कुल छह बेंचों का गठन किया गया था. इन बेंचों में सिविल, फौजदारी, मोटर दुर्घटना दावा, बैंक ऋण, बिजली समेत विभिन्न प्रकार के मामलों की सुनवाई की गयी. लोक अदालत में एडीजे नरंजन सिंह, सीजेएम निताशा बारला, प्राधिकार सचिव मरियम हेमरोम, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी सुभाष बाड़ा, अपर समाहर्ता ज्ञानेंद्र, एसडीओ प्रभात रंजन ज्ञानी सहित अन्य न्यायिक पदाधिकारी, अधिवक्ता, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के पदाधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे.
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