सीनी.
रेलनगरी सीनी में पिछले 130 वर्षों से धूमधाम से मां काली की पूजा हो रही है. स्थानीय बताते हैं कि राजपरिवार के जितेंद्र सिंहदेव एवं ईश्वर प्रसाद सिंहदेव ने सीनी डाकघर के समीप फूस के घर में मां काली की पूजा शुरू की थी. बाद में 1907 में सीनी के हाट मैदान में मां काली की पूजा की गयी. वर्ष 2016 में यहां भव्य मंदिर बनाया गया. दक्षिण भारत की तर्ज पर मंदिर का निर्माण किया गया. इस मंदिर में तांत्रिक विधि से पूजा की जाती है. आसपास के क्षेत्रों के लोगों का माता काली के प्रति गहरी आस्था है. आम दिनों में भी यहां प्रतिदिन सुबह-शाम पूजा और आरती होती है. स्थानीय भक्तों की गहरी आस्था के चलते वर्ष 2060 तक मूर्ति देने की अग्रिम बुकिंग हो चुकी है. इसके अलावा सीनी रेलवे संस्थान, सीनी रेलवे एकता काली मंदिर, मूंगापाड़ा स्थित काली मंदिर और पलाशडीह स्थित काली मंदिर में भी भक्त श्रद्धाभाव से माता काली की पूजा करेंगे. माता की महिमा के कारण दूर-दराज से हजारों श्रद्धालु दरबार में हाजिर होकर पूजा-अर्चना करते हैं. काली पूजा के अवसर पर भजन संध्या का आयोजन होगा. साथ ही मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र को दुधिया रोशनी से सजाया जायेगा. काली पूजा को लेकर मंदिर के साथ-साथ पूरे शहर को विशेष रूप से सजाया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

