खरसावां. कुचाई के दुर्गा मंदिर में रविवार को नवरात्रि के छठे दिन माता का बेल्याधिवास कर विधिवत आवाहन किया गया. इस अवसर पर कुचाई की सोना नदी से कलश यात्रा निकाली गयी, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए. कलश यात्रा के दौरान जय माता दी के जयघोष से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया. श्रद्धालुओं ने कलश लेकर मंदिर में स्थापना की और उसके बाद बेल वरण पूजा हुई. बेल पेड़ के नीचे बेल्याधिवास कर मां दुर्गा का आवाहन किया गया. बिहार के मिथिलांचल से आए पंडित काली चरण पाठक ने पूजा-अर्चना की. कलश यात्रा में सभी श्रद्धालु पीले रंग के वस्त्र पहनकर शामिल थे. यात्रा में मुख्य रूप से महेश्वर महतो, अनूप कुमार अग्रवाल, प्रेम प्रकाश मौजूद थे.
लोगों की आस्था का केंद्र है कुचाई का दुर्गा मंदिर
कुचाई में दुर्गा पूजा के अवसर पर तीन दिवसीय भव्य मेला आयोजित किया जाएगा. कुचाई में माता भगवती की पूजा-अर्चना पहली बार 1976 में शुरू हुई थी, जब यह क्षेत्र काफी पिछड़ा हुआ था. उस समय गांव के कुछ लोगों ने मिलकर मां दुर्गा की पूजा आरंभ की. बाद में इस आयोजन में स्थानीय लोगों की सहभागिता बढ़ी. माता दुर्गा की पूजा यहां वैष्णव रीति से की जाती है. मंदिर बनने के बाद ओडिशा के खिचिंग से माता भगवती की मूर्ति लाकर स्थापना की गयी, जहां प्रतिदिन पूजा होती है. यह मूर्ति एक ही पत्थर को तराश कर बनायी गयी है. नवरात्रि के दौरान यहां विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इसके अलावा, कुचाई के दुर्गा मंदिर में सप्तमी से विजयादशमी तक के लिए मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा भी स्थापित की गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

