बड़ाबांबो.
खरसावां प्रखंड अंतर्गत गोंडामारा-सामुरसाई में सरकार की बहुप्रचारित जलापूर्ति योजना इन दिनों पूरी तरह बदहाल हो चुकी है. करोड़ों की लागत से बनी यह योजना पिछले एक सप्ताह से बंद पड़ी है. जलमीनार मात्र शोभा की वस्तु बनकर रह गयी है. गोंडामारा-सामुरसाई जलापूर्ति योजना के माध्यम से तेलाइडीह और जोरडीहा पंचायतों के 32 गांव-टोला के 1722 परिवारों को पाइपलाइन के जरिये घर-घर जल पहुंचाया जा रहा था, लेकिन अब सप्लाई अचानक बंद कर दी गयी है.सुबह-शाम पानी के लिए भटक रहे ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि जब जलापूर्ति योजना से जुड़े अधिकारियों से संपर्क किया जाता है तो केवल बहानेबाज़ी कर जवाब टाल दिया जाता है. योजना को संजय नदी से पानी की आपूर्ति की जाती है. पर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग का दावा कि हर घर नल से जल पहुंचेगा. लेकिन सिर्फ कागजों तक सीमित नजर आ रहा है. ग्रामीणों ने सवाल उठाया है कि जब इस योजना पर करोड़ों रुपये खर्च किये गये, तो यह एक सप्ताह से ठप क्यों है. पानी के लिए आज भी लोगों को सुबह-शाम भटकना पड़ रहा है. क्षेत्र के छोटे-बड़े टोले जैसे छोटा बांबो, गितीतोला, जामडीह, गोंडामारा, जोरडीहा, बेगनाडीह, सामुरसाई, गोडासाई, तेलांगजुड़ी, बड़ासरगीडीह, छोटा सरगीडीह, महादेवबुट्टा, मुंडाटोला, पितासाई सहित 1722 परिवार जल संकट से जूझ रहे हैं. ग्रामीणों ने सरकार से तत्काल मरम्मत कर जलापूर्ति बहाल करने और जवाबदेही तय करने की मांग की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

