चांडिल.
चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के लिए लाइफलाइन मानी जाने वाली चौका-कांड्रा सड़क इन दिनों जिंदगी के लिए खतरा बन गयी है. इस सड़क पर चलना अब किसी चुनौती से कम नहीं है. चौका से कांड्रा के बीच करीब दो किलोमीटर के हिस्से में सड़क पूरी तरह से गड्ढों में तब्दील हो चुकी है. हर 8-10 फीट पर इतने बड़े गड्ढे हैं कि वाहन चलाना जोखिम भरा हो गया है.गड्ढे ही गड्ढे, हादसे ही हादसे
जैसे ही हल्की बारिश होती है, ये गड्ढे पानी से लबालब भर जाते हैं. पानी भरने के कारण गड्ढे दिखायी नहीं देते, और नतीजा अक्सर बाइक सवार हादसे का शिकार हो रहे हैं. गड्ढों से बचते-बचते वाहन चालकों को बेहद धीमी गति से चलना पड़ता है, जिससे समय की बर्बादी तो होती ही है, साथ ही किसी भी वक्त बड़ी दुर्घटना का डर बना रहता है.
धूल और पानी ने बनाया नारकीय हालात
बारिश में जहां सड़क पर पानी भर जाता है, वहीं धूप निकलते ही सड़क से भारी मात्रा में धूल उड़ती है. यह धूल राहगीरों और स्थानीय दुकानदारों के लिए मुसीबत बन गयी है. न केवल स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है, बल्कि स्थानीय व्यवसाय भी प्रभावित हो रहे हैं.सड़क जर्जर, फिर भी टोल वसूली जारी
आश्चर्य की बात यह है कि इसी बदहाल सड़क पर गिद्दीबेड़ा टोल प्लाजा पर टोल वसूली लगातार की जा रही है. लोगों का कहना है कि जब सड़क पर चलना ही मुश्किल है, तो टोल वसूली अन्यायपूर्ण है. स्थानीय लोगों का कहना है कि चौका-कांड्रा मार्ग सिर्फ चांडिल अनुमंडल ही नहीं, बल्कि औद्योगिक क्षेत्रों के लिए भी एक महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग है. इसके बावजूद इसकी मरम्मत की ओर न तो प्रशासन ध्यान दे रहा है, न ही टोल कंपनी जिम्मेदारी ले रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

