खरसावां/सरायकेला.
लोक आस्था के महापर्व छठ में रविवार की शाम व्रतियों ने खरना पूजा की. इसके साथ व्रतियों का 36 घंटा का निर्जला उपवास शुरू हो गया. रविवार की शाम को छठ व्रतियों ने खरना का प्रसाद ग्रहण किया. इसके पूर्व व्रतियों ने मिट्टी के चूल्हे पर गाय के दूध, अरवा चावल और गुड़ से खरना का प्रसाद तैयार किया. प्रसाद को केले के पत्ते पर रखकर पूजा-अर्चना की गयी. पूजा स्थल पर श्रद्धालुओं ने माथा टेककर सुख- समृद्धि की कामना की. इसके बाद सभी ने खरना का प्रसाद ग्रहण किया. इधर, छठ गीतों से पूरे क्षेत्र में माहौल भक्तिमय है. महिलाएं छठी मइया की गीत गाकर पूजा के कार्य कर रही हैं.दिनभर व्रत रखा, शाम को किया फलाहार
छठ व्रत करने वाली महिलाओं ने दिनभर व्रत रखकर सूर्यास्त के बाद घर में पूजा के लिए प्रसाद तैयार किया. इसमें गुड़ की सहायता से खीर बनायी. शुद्ध घी लगी रोटी या पूड़ी के साथ कई फलों से भगवान भास्कर के नाम पूजा-अर्चना की गयी. व्रतियों ने प्रसाद ग्रहण कर फलाहार किया और घर के अन्य सदस्यों व इष्ट मित्रों को भी प्रसाद दिया. इधर, खरना को लेकर सुबह से ही दूध की अच्छी मांग देखी गयी. तीसरे दिन सोमवार को छठ व्रती महिलाएं व पुरुष नदी तालाबों में अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ अर्पित करेंगे. इसके बाद मंगलवार की सुबह उदीयमान सूर्यदेव को अर्घ देने के साथ छठव्रती पारण करेंगी.
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