साहिबगंज जिले के नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत पुरानी साहिबगंज में पारिवारिक विवाद में शुक्रवार सुबह करीब नौ बजे प्रियंका कुमारी पिता विंध्याचल सिंह ने दुपट्टा को फंदा बना कर पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली. युवती को फंदे से लटका देख घरवालों के शोर शराबा के बाद आसपास के लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गयी.
मौके पर मौजूद लोगों ने इस बात की सूचना नगर थाना प्रभारी को दी, जहां से थाना प्रभारी धर्मपाल कुमार व एएसआइ मनोज कुमार ने छानबीन की. शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा है. बताया जा रहा है कि प्रियंका कुमारी की शादी भागलपुर के नाथनगर में तय हो गयी थी, जिस लड़के के साथ प्रियंका का विवाह तय हुआ था. वह रेलवे के फोर्थ ग्रेड में ड्यूटी करता है.
युवती की मां बरसी देवी ने बताया कि शादी की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी थी. सब कुछ खुशी-खुशी चल रहा था. दो दिनों पूर्व मेरी बेटी प्रियंका ने मुझसे कहा था कि मां मुझे रेलवे के फोर्थ ग्रेड वाले लड़के से शादी नहीं करनी है. हमलोगों ने उनकी बातों को नजरअंदाज कर दिया. क्योंकि उसकी खुशी के लिए रेलवे की नौकरी वाले लड़के शादी तय की थी. फोर्थ ग्रेड की नौकरी पसंद नहीं थी.
मां ने कहा कि शादी की तैयारी चल रही थी. सुबह घर से कुछ रस्म को लेकर लोग नाथनगर जानेवाले थे. इसके लिए घर में पूजा भी रखी गयी थी. बताया कि रोज की तरह सुबह करीब आठ बजे मैंने अपनी बेटी को उठाया, उसने दरवाजा खोला फिर मैं बोली, बेटी जाओ नहा कर तैयार हो जाओ आज पूजा है. वहां तक सब सामान्य था.
वो दरवाजा बंद कर के अटैच बाथरूम गयी. कुछ देर तक जब नीचे वो नहीं आई तो हमसब दरवाजा खटखटाने लगे काफी देर बाद जब दरवाजा नहीं खुला तो दरवाजे को तोड़ कर अंदर गये तो देखा कि प्रियंका दुपट्टे को फंदा बना कर पंखे से लटकी है.
थाना प्रभारी धर्मपाल कुमार ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का प्रतीक होता है. पुलिस कई पहलुओं पर अनुसंधान में जुटी है. अनुसंधान के बाद ही मामले का खुलासा किया जायेगा. वह तीन भाइयों की इकलौती छोटी बहन थी.
बड़ा भाई हरे राम सिंह साहिबगंज में अपना कारोबार करते हैं, जबकि मंझला भाई राजेश कुमार व छोटा भाई श्रवण कुमार दोनों नेवी में हैं. तीनों भाई अपनी बहन से बहुत प्यार करते थे. तीनों भाइयों ने अपनी बहन की शादी के लिए कई सपने देखे थे. इसकी तैयारी जोरों से कर रहे थे.
घटना के बाद मां का रो-रोकर बुरा हाल
प्रियंका के फांसी लगाने की खबर से पूरे मोहल्ले में मातम का माहौल छाया हुआ है. सब लोग के जुबान पर एक ही बात है कि आखिर ऐसा कदम उसने क्यों उठाया. फांसी लगाने के बाद पूरा परिवार सदमे में है. पिता व भाइयों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे. मां रो-रो कर बस एक ही बात कर रही थी. आखिर ऐसा क्यों हो गया. तुम्हारी शादी के कितने सपने देखे थे मैंने बेटी. मुझे नहीं मालूम था कि तुम शादी से खुश नहीं थी.