राजमहल (साहिबगंज), नवीन कुमार. विश्व का सबसे बड़ा रीवर क्रूज ‘गंगा विलास’ जब झारखंड (Ganga Vilas Cruise in Jharkhand) के साहिबगंज पहुंचा, तो विदेशी पर्यटकों का जोहार, नमस्ते के संबोधन से स्वागत किया गया. स्विट्जरलैंड और जर्मनी के पर्यटकों ने भी हाथ जोड़कर जोहार, नमस्ते से ही वहां मौजूद लोगों का अभिवादन किया. इसके बाद विदेशी मेहमानों ने हाथ हिलाकर अपनी परंपरा का भी पालन किया. जहाज शुक्रवार को साहिबगंज पहुंचे गंगा विलास क्रूज के पर्यटकों को शनिवार को सुबह में तट पर लाया गया.
गंगा विलास क्रूज पर सवार हैं 31 विदेशी पर्यटक
समय से दो दिन पहले साहिबगंज जिला पहुंचे गंगा विलास क्रूज शिप पर दो देशों के 31 विदेशी पर्यटक सवार हैं, जो वाराणसी (बनारस) से डिब्रूगढ़ (असम) की यात्रा पर निकले हैं. यह जहाज 3,200 किलोमीटर की दूरी तय करके 28 रिवर चैनल से होते हुए बांग्लादेश के रास्ते असम पहुंचेगा. इस क्रूज को 23 जनवरी को साहिबगंज पहुंचना था, लेकिन यह 20 जनवरी की शाम को ही आ गया.
गंगा के बीच में गंगा विलास ने डाला लंगर
रात में इस शानदार क्रूज ने गंगा के बीच में लंगर डाला. सुबह छोटे जहाज से पर्यटकों को साहिबगंज के तट पर लाया गया. विश्व के सबसे लंबे रिवर क्रूज का आनंद ले रहे स्विट्जरलैंड और जर्मनी के नागरिकों को साहिबगंज मल्टीमोडल टर्मिनल और उसके पास स्थित समदा सीज गांव का भ्रमण करवाया गया. पर्यटकों को अंग्रेजी समझ नहीं आ रही थी, इसलिए वह लोगों या पत्रकारों के साथ संवाद नहीं कर पा रहे थे.
स्विट्जरलैंड और जर्मनी के पर्यटकों को समझ नहीं आ रही अंग्रेजी
स्विट्जरलैंड और जर्मनी के इन 31 पर्यटकों में सिर्फ दो ही ऐसे हैं, जिन्हें अंग्रेजी समझ आती है. इन्हीं दोनों ने बंदरगाह पर मौजूद पत्रकारों से थोड़ी-बहुत बातचीत की. इसी दौरान पर्यटक पीटर ने बताया कि यह दूसरा मौका है, जब वह भारत आये हैं. भारत आकर उन्हें अच्छा लगा. पहले की तुलना में भारत अब काफी विकसित हो गया है. उन्होंने कहा कि साहिबगंज आकर बहुत अच्छा लगा.

विदेशी महिला ने बच्चे को कपड़े के झूले में झुलाया
पर्यटकों में एक महिला भी थी, जो अंग्रेजी बोल और समझ पा रही थी. गांव में घूमने के दौरान थोड़ी ही देर में वह स्थानीय लोगों से घुल-मिल गयी. एक महिला के साथ दो महीने के बच्चे को देखा, तो उसके साथ खेलने लगी. कपड़े के झूला में उसे थोड़ी देर झुलाया भी.
आदिवासी रीति-रिवाज से हुआ विदेशी मेहमानों का स्वागत
बता दें कि गंगा विलास क्रूज से साहिबगंज पहुंचे पर्यटकों का आदिवासी रीति-रिवाज से शानदार स्वागत किया गया. आदिवासी नृत्य का भी आनंद विदेशी मेहमानों ने लिया. जहाज से उतरने के बाद पुष्प गुच्छ देकर पर्यटकों का स्वागत किया गया. इनके स्वागत के लिए राजधानी रांची से विशेष रूप से झारक्राफ्ट का शॉल भेजा गया था.
विधायक अनंत ओझा और साहिबगंज डीसी ने की पर्यटकों की अगवानी
राजमहल के विधायक अनंत ओझा और साहिबगंज के उपायुक्त रामनिवास यादव ने पर्यटकों का स्वागत किया. दोनों लोग पर्यटकों को गंगा विलास से लेने भी गये थे और गांव एवं मल्टी मोडल टर्मिनल का भ्रमण करवाने के बाद उन्हें क्रूज तक छोड़ने भी गये. इस दौरान विधायक अनंत ओझा ने विदेशी मेहमानों को साहिबगंज और वहां मौजूद बंदरगाह के निर्माण के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में इस बंदरगाह का निर्माण करवाया गया है.
सुरक्षा के किये गये थे पुख्ता इंतजाम
विदेशी मेहमानों के आगमन के मद्देनजर साहिबगंज और उसके आसपास के इलाकों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे. रात में गंगा विलास क्रूज ने बीच गंगा में डेरा डाला. सुबह पर्यटकों को गांव एवं बंदरगाह का भ्रमण करवाने के बाद वापस गंगा विलास तक पहुंचा दिया गया. इस अवसर पर एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा, डीएफओ, एसडीओ समेत अन्य पुलिस एवं प्रशासनिक पदाधिकारी मौजूद थे. राजसिंह भट्टाचार्य गंगा विलास क्रूज पर सवार पर्यटकों के गाइड हैं.