करम पहाड़ में उग रहा उम्मीदों का नया सूरज, मुख्य धारा से जुड़ रहे ग्रामीण डीसी के दौरे ने बदली गांव की किस्मत, करम पहाड़ में बदली जीवन की धारा सुनील ठाकुर, साहिबगंज. आज़ादी के दशकों बाद भी जिन गांवों तक बुनियादी सुविधाएं नहीं पहुंच पायीं थीं, उनमें मंडरो प्रखंड का करम पहाड़ गांव भी एक था. लेकिन अब यह गांव एक नयी उम्मीद की मिसाल बन चुका है. पहली बार यहां पानी की टंकी लगाकर घर-घर स्वच्छ जल की आपूर्ति शुरू की गयी है. झरनों और कुओं पर निर्भर यह गांव अब विकास की मुख्यधारा से जुड़ता नजर आ रहा है. करीब छह महीने पहले उपायुक्त हेमंत सती के दौरे के बाद यहां जिस बदलाव की नींव रखी गयी थी, वह अब साकार रूप ले चुकी है. इस गांव में 34 परिवारों के लगभग 180 लोग निवास करते हैं. पहले सभी लोग कुएं और झरनों के पानी से ही अपनी प्यास बुझाते थे. गांव के छोटे-छोटे बच्चे पूरे दिन गांव में ही खेलते रहते थे. करीब छह माह पूर्व, उपायुक्त हेमंत सती ने इस गांव का दौरा किया था. दौरे के दौरान ग्राम प्रधान प्रेम कुमार मालतो और ग्रामीणों ने उन्हें पानी की कमी, रोजगार की समस्या और बच्चों की पढ़ाई में आ रही रुकावटों की जानकारी दी थी. डीसी के निर्देश पर एनआरईपी विभाग द्वारा 23 लाख रुपये की लागत से आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण कराया गया और बोरिंग कर पानी टंकी भी लगवाई गई. यह टंकी अब पूरी तरह तैयार है और इसके माध्यम से गांव के हर घर तक स्वच्छ जल पहुंचाया जा रहा है. इसके साथ ही गांव में सोलर लाइट भी लगाई गई है, जिससे रात में भी रोशनी रहती है. गांव के लोगों को बांस से बनी कलाकृतियों का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. यह क्षेत्र बांस की भरपूर खेती के लिए जाना जाता है, जिससे ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. क्या कहते हैं डीसी पहाड़िया क्षेत्र के चहुमुखी विकास के लिए जिला प्रशासन कटिबद्ध है. इस गांव में बांस से कलाकृति बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है. डीएमएफटी फंड से गांव में प्रशिक्षण और विकास कार्य किए जाएंगे. हेमंत सती, डीसी, साहिबगंज
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