बरहरवा. सीएम हेमंत सोरेन के निर्देश पर और पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र की विधायक निसात आलम की पहल पर बरहरवा प्रखंड की 25 पंचायतों में से 10 पंचायतों को अलग करके कोटालपोखर को प्रखंड बनाने को लेकर गुरुवार को प्रखंड मुख्यालय में आयोजित पंचायत समिति सदस्यों की बैठक प्रमुख सुशीला हासंदा की अध्यक्षता में संपन्न हुई. बैठक में विभिन्न पंचायतों के पंचायत समिति सदस्य उपस्थित हुए. बैठक के दौरान उप प्रमुख अब्दुल कादिर ने कोटालपोखर को प्रखंड सह अंचल का दर्जा देने को लेकर प्रस्ताव रखा. जिस पर अन्य सभी सदस्यों ने अपनी सहमति जताते हुए प्रस्ताव पारित किया और इसकी रिपोर्ट जिला मुख्यालय भेजने को लेकर विस्तारपूर्वक चर्चा की. मामले को लेकर बरहरवा प्रखंड विकास पदाधिकारी सन्नी कुमार दास ने बताया कि उपायुक्त हेमंत सती के निर्देश पर प्राप्त चिट्ठी के आलोक में गुरुवार को बैठक आयोजित की गयी. बैठक में सर्वसम्मति से कोटालपोखर को प्रखंड बनाने को लेकर सहमति दी गयी और इसे पंचायत समिति की बैठक से पारित कराकर जिला मुख्यालय भेजी जाने का निर्णय लिया गया. बीडीओ ने बताया कि इसे लेकर अलग-अलग 10 पंचायत की जनसंख्या वहां की कनेक्टिविटी, नक्शा, शिक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य व्यवस्था, प्रस्तावित नए प्रखंड का क्षेत्रफल सहित सभी रिपोर्ट तैयार कर जिला मुख्यालय को भेज दिया गया है. बरहरवा प्रखंड क्षेत्र की 25 पंचायतों में से 10 पंचायत जिसमें कोटालपोखर, मयूरकोला पलासबोना, मधुवापाड़ा, पथरिया, श्रीकुंड, दरियापुर बिनोदपुर, बड़ा सोनकड एवं आगलोई पंचायत में अलग-अलग ग्राम सभा का आयोजन किया गया है. सभी ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने कोटालपोखर को प्रखंड सह अंचल बनाने को लेकर प्रस्ताव दिया है. उक्त प्रस्ताव के आधार पर जिला मुख्यालय के रिपोर्ट भेज दी जायेगी. 10 पंचायतों को मिलाकर 78481 है जनसंख्या कोटालपोखर के नये प्रखंड सृजन हेतु पंचायत द्वारा जनसंख्या जिसे जिला मुख्यालय भेजा गया है. उसके तहत आगलोई 5827, मधुवापाड़ा 9409, श्रीकुंड 7697, दरियापुर 9074, बिनोदपुर 5551, पथरिया 8082, पलासबोना 8902, मयूरकोला 7850, कोटालपोखर 7958, बड़ा सोनाकड 8145 शामिल है. इसके अलावे दो राष्ट्रीयकृत बैंक, दो ग्रामीण बैंक, दो प्लस टू विद्यालय, 3 उत्क्रमित उच्च विद्यालय, पुलिस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, पशु चिकित्सालय, संचार की व्यवस्था सहित अन्य सारी व्यवस्था पहले से मौजूद है. दस किलोमीटर की दूरी हो जाएगी कम कोटालपोखर, पथरिया, बड़ा सोनाकड, मयूरकोला, पलासबोना, श्रीकुंड, दरियापुर, बिनोदपुर और मधुवापाड़ा के लोग करीब 12 किलोमीटर की दूरी तय कर बरहरवा प्रखंड मुख्यालय पहुंचते थे. अब प्रस्तावित प्रखंड का भवन मयूरकोला पंचायत के ढाटापाडा में बनने की उम्मीद है. अगर यहां पर प्रखंड मुख्यालय बन जाता है तो इन लोगों को करीब 10 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी और अब इन क्षेत्रों के ग्रामीण चार से पांच किलोमीटर की दूरी तय कर आसानी से प्रखंड मुख्यालय पहुंच सकते हैं. आलमगीर आलम का अधूरा सपना होगा पूरा : विधायक निसात आलम फोटो 02- निसात आलम, विधायक, पाकुड़ विधानसभा पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र की स्थानीय विधायक निसात आलम ने कहा कि पूर्व मंत्री आलमगीर आलम का यह सपना था कि कोटालपोखर को प्रखंड सह अंचल का दर्जा प्राप्त हो. इसे लेकर जब वे झारखंड विधानसभा अध्यक्ष थे. उस वक्त उन्होंने भी प्रयास किया था लेकिन सफलता नहीं मिली थी. पिछले दिनों मुख्यमंत्री से मुलाकात कर कोटालपोखर को प्रखंड बनाने की मांग रखी गयी. अब झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मार्गदर्शन में कोटालपोखर प्रखंड बनने जा रहा है. इसके लिए मुख्यमंत्री बधाई के पात्र हैं. प्रखंड बनाओ संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री और विधायक को दिया धन्यवाद वर्ष 1983 से कोटालपोखर को बरहरवा प्रखंड से अलग काटकर प्रखंड बनाने की मांग को लेकर आवाज उठती आ रही है. इसे लेकर एक प्रखंड बनाओ संघर्ष समिति का गठन किया गया था. उक्त संगठन में तत्कालीन अध्यक्ष भगवती प्रसाद साह, लखी सिंह, महामंत्री रंजीत कुमार, हमीद अंसारी ने खुशी जाहिर करते हुए बधाई दी है. महामंत्री सह वर्तमान पंचायत समिति सदस्य रंजीत साह ने कहा कि उक्त कमेटी के कई लोग अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन उनकी मांग आज पूरी हो रही है. इसे लेकर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पूर्व मंत्री आलमगीर आलम, विधायक निसात आलम, झामुमो के केंद्रीय सचिव पंकज मिश्रा, कांग्रेस प्रदेश महासचिव तनवीर आलम का काफी सराहनीय योगदान रहा. अब ऐसा लग रहा है कि कोटालपोखर प्रखंड बहुत जल्द बन जाएगा और इसकी औपचारिक घोषणा भी मुख्यमंत्री 30 जून को कर सकते हैं. इसे लेकर कोटालपोखर क्षेत्र के लोग उनका तहे दिल से आभार व्यक्त कर रहे हैं.
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