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Video युवा दिवस – खेल के क्षेत्र में लोहा मनवा रहे झारखंड के ये युवा

सभी क्षेत्र में झारखंड के खिलाड़ी आज अपना लोहा मनवा रहें है.

स्वामी विवेकानंद ने कहा था मेरे युवा मित्रो, आपको मेरी यही सलाह है कि मजबूत बनो. आप गीता का अध्ययन करने के बजाय फुटबॉल खेलकर स्वर्ग के ज़्यादा नजदीक पहुंच सकते हैं. ये बहुत ही साहसिक शब्द हैं, लेकिन मुझे इनको कहना ही है, क्योंकि मैं आपसे प्यार करता हूं. उनकी इन्ही बातों से प्रेरित होते हुए झारखंड के युवा भी खेल क्षेत्र में आगे बढ़ रहें हैं झारखंड की बात करें तो यहां कभी भी प्रतिभा की कमी नहीं रही. हर कदम पर एक नयी प्रतिभा वैश्विक पटल पर छाने को तैयार है. बात चाहे सिमडेगा के हॉकी की करें या फिर कोल्हान के तिरंदाजी की करें. सभी क्षेत्र में झारखंड के खिलाड़ी आज अपना लोहा मनवा रहें है. झारखंड के युवा खिलाड़ियों ने उबड़-खाबड़ जमीन पर गोल फुटबॉल का खूब जलवा दिखाया. पहली बार फीफा 17 विश्व कप फुटबॉल में बतौर कैप्टन झारखंड की खिलाड़ी अस्टम उरांव ने पूरे टीम का नेतृत्व किया. सिर्फ इतना ही नहीं इस टीम में झारखंड की पांच और बेटियों को भी शामिल किया गया. टीम में जगह पाने वालों में झारखंड की ही नीतू लिंडा, अंजली मुंडा, अनिता कुमारी, पूर्णिमा कुमारी एवं सुधा अंकिता तिर्की भी रहीं. अपनी गरीबी को पीछे छोड़ते हुए इन्होंने पहाड़ जैसे इरादों के साथ न सिर्फ टीम में अपनी जगह बनाई बल्कि पूरे झारखंड का भी नाम रौशन किया.

बात और हौसला सिर्फ फुटबॉल पर ही नहीं खत्म होता है. झारखंड के युवा आज हॉकी में भी उतना ही आगे बढ़ रहें है. अपनी मेहनत के दम पर झारखंड की चार युवा खिलाड‍़ियो ने अगामी दक्षिण अफ्रीका के दौरे में भारतीय महिला हॉकी टीम में अपनी जगह पक्की की है. झारखंड राज्य की 4 महिला हॉकी खिलाड़ी निक्की प्रधान ,सलीमा टेटे ,संगीता कुमारी और ब्यूटी डुंगडुंग को शामिल किया गया है. हालिया हुए इस चयन पर हॉकी इंडिया के महासचिव सह हॉकी झारखंड के अध्यक्ष भोलानाथ सिंह ने इसे झारखंड के लिए सौभागय की बात कही है. लेकिन इस चयन से पूर्व भी निक्की प्रधान और सलीमा टेटे ने टोक्यो ओलम्पिक्स में झारखंड का परचम लहराया था.

सिर्फ इतना ही नहीं लॉन बॉल्स में महिलाओं ने इतिहास रच दिया. पहली बार सीडब्ल्यूजी में भारत ने गोल्ड मेडल जीता. मेडल जीतने वाली टीम में झारखंड की दो महिला खिलाड़ी शामिल थी. झारखंड पुलिस में कार्यरत लवली चौबे और जिला खेल पदाधिकारी रामगढ़ रूपा रानी तिर्की ने इस प्रतियोगिता में अपना बेहतरीन प्रदर्शन दिखाया. अपने फाइनल मैच में इन खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से भारत को गोल्ड मेडल दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई. इसके अलावा पुरूष टीम में भी झारखंड के सुनील बहादुर, दिनेश कुमार और चंदन ने रजत जीत कर इतिहास रचा.

क्रिकेट में महेंद्र सिंह धोनी तो झारखंड की शान है लेकिन 2022 में हुए ब्लाइंड वर्ल्ड कप क्रिकेट में झारखंड के सुजीत मुंडा ने भी सभी को हैरत में डाल दिया. टीम ने न सिर्फ वर्ल्ड कप जीता बल्कि सुजीत मुंडा को मैन ऑफ द मैच भी चुना गया. सुजीत रांची के रहने वाले हैं और अपने असीम इक्षाशक्ति की बदौलत उन्होंने नामुमकिन को भी एक करिश्माई कारनामे में बदल दिया. झारखंड की धरती से कुश्ती के चैंपियन भी निकल रहे हैं. पहली बार अंडर15 ऐशियन कुश्ती में रामगढ़ के आदित्य कुमार ने बहरीन में शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक जीता.

झारखंड की इस धरती को तीरंदाजों की भी धरती कहा जाता है. इसी धरती पर युवा तीरंदाजों ने भी खूब नाम कमाया है. 2022 में पेरिस में आयोजित हुए तीरंदाजी विश्वकप में झारखंड की तीरंदाज दीपिका कुमारी और अंकिता भकत ने महिला रिकर्व टीम स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीत कर भारत का नाम रोशन किया. दीपिका को मिक्स्ड डबल्स में भी स्वर्ण पदक मिला. इससे पहले 2021 में दीपिका, अंकिता और कोमोलिका बारी की टीम ने भारत की झोली में इस प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किया था. इसी तरह गरीबी से भागते हुए 2022 में कुवैत में आयोजित चौथी एशियन यूथ एथलेटिक्स चैंपियनशिप में झारखंड की आशा किरण बारला ने भारत को स्वर्ण पदक दिलाया. गुमला जिले की रहने वाली आशा किरण बारला ने 800 मीटर दौड़ में इवेंट में नया रिकॉर्ड भी बनाया.

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