रांची. शौर्य सभागार डोरंडा में 20वीं अनुभूति नृत्य महोत्सव हुआ. कथक नृत्य के विभिन्न आयोमों को प्रस्तुत किया गया. कला, संस्कृति और साधना का संगम देखने को मिला. यह कार्यक्रम कथक गुरु पं बिरजू महाराज, पं मुन्ना शुक्ल और गुरु मंजु मल्कानी की स्मृति में किया गया. मुख्य अतिथि राज्यपाल संतोष गंगवार, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी, विधायक सीपी सिंह, विधायक नवीन जायसवाल, पूर्व राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार, अजय मारु आदि उपस्थित थे. राज्यपाल ने पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के निधन पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि पूरी टीम को बधाई देता हूं जो शास्त्रीय नृत्य कथक के माध्यम से भारतीय संस्कृति व परंपरा को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं. नृत्य व संगीत के बिना संस्कृति अधूरी रह जाती है. संजय सेठ ने कहा कि कला के क्षेत्र में रांची कम नहीं है, रांची के कलाकारों के हुनर की झलक देश भर में दिखती है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि संस्था को बधाई देता हूं जो बच्चों को शिक्षा व संस्कार देने का काम कर रहे हैं. कार्यक्रम का आयोजन युवा रंगमंच रांची व धरित्री कला केंद्र की ओर से किया गया.
ज्योत्सना बनर्जी शुक्ला ने प्रस्तुत की दुर्गा स्तुति
अनुभूति नृत्य महोत्सव में गुरु अष्टकम से कार्यक्रम की शुरुआत हुई. ज्योत्सना बनर्जी शुक्ला ने दुर्गा स्तुति प्रस्तुत किए. कत्थक नृत्य के माध्यम से मां के नौ रूपों को प्रस्तुत किए. आगे कलाकारों ने सूरदास भजन पर श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं और सूरदास को प्राप्त दिव्य दृष्टि का चित्रण किया. तीश्र जाति में वरिष्ठ छात्राओं ने प्रस्तुति दी. इसमें त्रिपल्ली, लयकारी और कथक की गहराई को मंच पर प्रस्तुत किया गया. जूनियर ग्रुप द्वारा तीनताल में मध्यम और द्रुत लय को प्रस्तुत किया. वरिष्ठ कलाकारों की आष्टमंगल ताल प्रस्तुत किए. ज्योत्सना बनर्जी शुक्ला की विशेष प्रस्तुति रही. आष्टमंगल ताल में अपनी साधना, शैली और परंपरा का अद्भुत मिश्रण प्रस्तुत किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

