37.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

EXCLUSIVE: अब एक ही मैटेरियल से कोरोना की जांच और इलाज, BIT मेसरा के डॉ अभिमन्यु देव ने किया कमाल

रांची के मेसरा स्थित बिरसा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (BIT) के प्रोफेसर ने ऐसा मैटेरियल खोजा है, जिससे सस्ते में कोरोना की जांच होगी. इसी मैटेरियल से कोरोना की दवा भी तैयार होगी.

रांची: वैश्विक महामारी कोरोना ने जब दस्तक दी, तो भारत में जांच या इलाज की कोई व्यवस्था नहीं थी. लेकिन, हमारे वैज्ञानिकों ने कोरोना महामारी से भारत को निजात दिलाने के लिए दिन-रात मेहनत की. टेस्टिंग किट बनाये. वैक्सीन तैयार किये. स्वास्थ्यकर्मियों ने इसमें योगदान दिया और मुफ्त में अपने नागरिकों को वैक्सीन लगाने का रिकॉर्ड कायम किया.

झारखंड ने भी कोरोना से जंग में अपना योगदान दिया. भले राज्य में वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी हो, लेकिन यहां के वैज्ञानिक कोरोना का इलाज ढूंढ़ने में भी सफलता के करीब हैं. राजधानी रांची के मेसरा स्थित बिरसा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआईटी) के एक प्रोफेसर ने एक ऐसा मैटेरियल तैयार किया है, जिससे सस्ते में कोरोना की जांच होगी. साथ ही इसी मैटेरियल से कोरोना की दवा भी तैयार होगी.

बीआईटी मेसरा के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अभिमन्यु देव ने अगस्त 2020 में इस अहम प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया था. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय से उनके प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल चुकी है. डीएनए बेस्ड एप्टामर आधारित उनके जंच किट का भुवनेश्वर स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज (आईएलएस) में सफल परीक्षण हो चुका है. हालांकि, इस डीएनए बेस्ड मैटेरियल को बीआईटी मेसरा में ही तैयार किया गया है.

Also Read: झारखंड देगा कोरोना की जांच का सबसे सस्ता किट, BIT मेसरा के डॉ अभिमन्यु और डॉ वेंकटेशन कर रहे हैं शोध

फार्मास्यूटिकल साइंस एंड टेक के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ देव ने कहा है कि आईएलएस भुवनेश्वर में कोरोना जांच का सफल परीक्षण हो चुका है. ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह वरदान साबित होने वाला है, क्योंकि इस मैटेरियल से कोरोना की जांच पर अधिकतम 300 रुपये खर्च आयेगा. डॉ देव ने कहा है कि इसी मैटेरियल से कोरोना के इलाज की दवा भी बन जायेगी. इस दिशा में भी काम चल रहा है. दवा बनाने वाली कंपनियों से इस पर चर्चा चल रही है.

कैसे काम करता है कोरोना जांच किट

डॉ अभिमन्यु देव ने बताया कि उनका जांच किट स्पेक्ट्रोफोटोमेट्री आधारित है. इसमें क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों को मेजर किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि स्पेक्ट्रोफोटोमेट्री एक उपकरण है, जिसमें डीएनए बेस्ड सॉल्यूशन और वायरस को डाला जाता है. वायरस को डालते ही सॉल्यूशन वायरस को बाइंड करना शुरू कर देता है. जितनी ज्यादा बाइंडिंग होती है, उतना ही अधिक कलर सामने आता है. इससे पता चलता है कि संक्रमण किस स्तर तक फैल चुका है.

दवा की तरह भी हो सकता है इस्तेमाल

डीएनए बेस्ड मैटेरियल पर रिसर्च करने वाले डॉ अभिमन्यु देव ने कहा है कि इस मैटेरियल का इस्तेमाल दवा की तरह भी हो सकेगा. इसी तकनीक से कोरोना के इलाज की दवा भी बन सकती है. उन्होंने कहा कि आरबीडी प्रोटीन के माध्यम से वायरस हमारे सेल में इंटर करता है. डायग्नोसिस सॉल्यूशन आरबीडी को पकड़ता है. अगर आरबीडी प्रोटीन को ब्लॉक कर दिया जाये, तो यह संक्रमण को रोकने में कारगर होगा. इसे कैप्सूल या इंजेक्शन किसी भी फॉर्म में तैयार किया जा सकता है.

यहां बताना प्रासंगिक होगा कि प्रभातखबर डॉट कॉम (prabhatkhabar.com) ने 21 अगस्त 2020 को सबसे पहले डॉ देव के रिसर्च के बारे में जानकारी दी थी. तब डॉ देव ने कहा था कि एप्टामर आधारित उनके टेस्ट किट से कोरोना की जांच 80 फीसदी तक सस्ती हो जायेगी. बता दें कि डॉ देव वर्ष 2007 से बीआइटी मेसरा में सेवा दे रहे हैं. वह संक्रामक रोग, बायोडीग्रेडेबल पॉलिमर्स, फार्मास्यूटिकल नैनोटेक्नोलॉजी, स्क्रीनिंग एंड इवैल्युएशन ऑफ सिंथेटिक एंड नैचुरल एंटीमाइक्रोबियल कंपाउंड्स, माइक्रोबियल बायोटेक्नोलॉजी, नैनोमैटेरियर एंड बायोमैटेरियल सिंथेसिस, ड्रग डिलीवरी एंड वैक्सीन डेवलपमेंट जैसे विषयों पर शोध करते हैं.

Posted By: Mithilesh Jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें