हाइकोर्ट ने पिछली सुनवाई में बजट आवंटन, व्यय का मांगा था ब्याेरा रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने रिम्स में मरीजों के बेहतर इलाज व बुनियादी सुविधाओं को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी व प्रतिवादियों का पक्ष सुना. पक्ष सुनने के बाद पूर्व के आदेश के आलोक में राज्य सरकार, रिम्स व झारखंड बिल्डिंग कॉरपोरेशन को जवाब दायर करने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने पूछा कि सरकार ने राशि आवंटित की है, तो उस राशि का क्या-क्या उपयोग किया गया. काैन-काैन मेडिकल उपकरण खरीदे गये. क्या टेंडर निकाला गया. बिल्डिंग निर्माण की क्या स्थिति है. रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए क्या कदम उठाये गये. सभी बिंदुओं पर संबंधित प्रतिवादी शपथ पत्र दायर कर अद्यतन जानकारी प्रस्तुत करेंगे. साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 21 जुलाई की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता दीपक कुमार दुबे ने पैरवी की, जबकि रिम्स की ओर से अधिवक्ता डॉ अशोक कुमार सिंह ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि मामले में स्वत: संज्ञान से झारखंड हाइकोर्ट ने जनहित याचिका दर्ज की है. वहीं प्रार्थी ज्योति शर्मा ने जनहित याचिका दायर कर रिम्स की व्यवस्था को बेहतर बनाने की मांग की है. पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार को चालू वित्तीय वर्ष में रिम्स को बजट आवंटन व खर्च का ब्योरा सहित विस्तृत जवाब दायर करने का निर्देश दिया था.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

