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एलएलबी के 13, एलएलएम के 3 छात्रों को गोल्ड मेडल, गवर्नर बोले- नये अवसर हासिल करने की सीख देती है डिग्री

एलएलबी या एलएलएम की डिग्री को अंतिम लक्ष्य नहीं समझें. डिग्री हासिल करने के बाद का जीवन चुनौती और संभावनाओं से भरा है. नये स्किल को लगातार अपनाने की जरूरत है. खुद को बेहतर बनाने की दिशा में लक्ष्य को प्राथमिकता दें.

शैक्षणिक यात्रा पूरी कर डिग्री हासिल करना नयी उम्मीद के साथ नये अवसर प्राप्त करने की सीख देता है. अवसर का लाभ उठायें. यही सफलता की ओर बढ़ने का हौसला देगा. यह बात राज्यपाल सह नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ (एनयूएसआरएल) रांची के रेक्टर सीपी राधाकृष्णन ने शनिवार को संस्था के पांचवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहीं. उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि ईश्वर ने सबको प्रतिभा से नवाजा है. इसका समेकित रूप से कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं, इस पर जोर देना होगा. अधिवक्ता के रूप में स्थापित होना बड़ी जिम्मेदारी है. इसमें समाज के हर वर्ग के व्यक्ति को एक समान नजर से देखने और उन्हें न्याय दिलाने का प्रयास करना होगा. कानून की शिक्षा एक व्यक्ति को आम इंसान से जागरूक व्यक्ति बनाने का काम करती है. न्याय के लिए हर संभव सत्यता का पालन करना होगा.

केस में हार को स्वाभिमान से नहीं जोड़ें

राज्यपाल ने कहा कि भविष्य में अधिवक्ता के रूप में कई केस लड़ने का अवसर मिलेगा. इसमें हार और जीत निश्चित होगी. लेकिन हार को स्वाभिमान से नहीं जोड़ें, बल्कि अपनी गलती और कानूनी दांव-पेंच में अपनी कमी को तलाशें. यह सफल व्यक्तित्व बनने में मददगार सिद्ध होगी. केस लड़ते समय सबूत और गवाह की परख करें, इसके लिए सोच का दायरा बढ़ाना होगा.

युवाओं के पास अवसर : चीफ जस्टिस

हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस सह एनयूएसआरएल रांची के चांसलर संजय कुमार मिश्रा ने कहा कि कानूनी पेशे में समय के साथ हुए बदलाव से युवाओं के पास कई अवसर हैं. डिग्री हासिल कर रहे विद्यार्थी अब केवल अदालत में मुकदमेबाजी करने के अलावा वाणिज्यिक कानून फर्मों और कंपनियों, न्यायपालिका, शिक्षा जगत और सार्वजनिक सेवा क्षेत्र में अपना योगदान दे सकते हैं. एलएलबी या एलएलएम की डिग्री को अंतिम लक्ष्य नहीं समझें. डिग्री हासिल करने के बाद का जीवन चुनौती और संभावनाओं से भरा है. नये स्किल को लगातार अपनाने की जरूरत है. खुद को बेहतर बनाने की दिशा में लक्ष्य को प्राथमिकता दें.

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कॉलेज की आजादी नयी जिम्मेदारी देती है : प्रो मित्रा

पूर्व वीसी प्रो डॉ एनएल मित्रा ने विद्यार्थियों से कहा कि दीक्षांत समारोह कॉलेज के धागे से कटने के समान है. यह नयी आजादी देती है. लगातार नयी चीजें सीखने की समझ विकसित करनी होगी. अधिवक्ता के रूप में स्थापित हो रहे विद्यार्थियों को अपने केस में जांच को प्राथमिकता देनी होगी.

एलएलबी में 13 और एलएलएम के तीन छात्रों को मिला गोल्ड मेडल

डिग्री समारोह के मौके पर संस्था के वीसी प्रो डॉ अशोक आर पाटिल ने वार्षिक रिपोर्ट पेश की. इस वर्ष एलएलबी के 13 विद्यार्थियों ने विभिन्न विषय में गोल्ड मेडल और एलएलएम के तीन छात्र गोल्ड मेडल हासिल करने में सफल रहे. बीए-एलएलबी की छात्रा सना रघुवंशी ने सर्वाधिक चार मेडल – एनयूएसआरएल गोल्ड मेडल, श्री दत्ता लाल एंड लक्ष्मी देवी झुनझुनवाला मेमोरियल गोल्ड मेडल, श्री बंसीधर एंड श्री नाथमल मोदी मेमोरियल गोल्ड मेडल और श्री आशुतोष मुखर्जी मेमोरियल गोल्ड मेडल हासिल किया. इसके अलावा छात्रा स्वाति सिंह तीन मेडल – द चांसलर गोल्ड मेडल, श्री एएन सिन्हा मेमोरियल गोल्ड मेडल और श्री बीपी खेतान मेमोरियल गोल्ड मेडल हासिल करने में सफल रही. इसके अलावा छात्र स्वप्निल पलक, दिव्यांशी, सौम्या सिन्हा, श्रीया शुभ्रलक्ष्मी मिश्रा, आयुषी स्वरूप, अतिका चतुर्वेदी, ज्योति मौर्या, नंदिनी गुलाटी, प्रेरणा प्रिया, सिल्की कुमारी और युक्ति अंबष्ठ विभिन्न श्रेणी में गोल्ड मेडल हासिल करने में सफल हुए हैं. वहीं, एलएलएम के छात्र हर्ष मिश्रा ने दो गोल्ड मेडल – बैच टॉपर और श्रीमति विमला देवी सरावगी मेमोरियल गोल्ड मेडल, शिल्पा शिवांगी और मेघा जगनानी ने विभिन्न श्रेणी में गोल्ड मेडल हासिल करने में सफल रहे.

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