रांची. झारखंड के खासकर ग्रामीण विकास के लिए रूरल फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन (आरएफआइ) ने झारखंड को वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान रिकॉर्ड 6,200 करोड़ की विकास सहायता उपलब्ध करायी है. सोमवार को वित्तीय वर्ष के समापन के बाद राष्ट्रीय ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने इन आंकड़ों को जारी किया है. नाबार्ड ने राज्य भर में 244 किसान उत्पादक कंपनियों (एफपीसी) को बढ़ावा दिया है. इससे लगभग 2,00,000 किसानों को लाभ होगा और उनकी आय में 25-30% की वृद्धि होने का अनुमान है. वित्तीय वर्ष 2020 के दौरान झारखंड में ग्रामीण वित्तीय संस्थानों ने महज 10,500 लाख के रिफाइनेंस लाभ उठाया था. इसमें चार वर्षों के भीतर 40 गुना से अधिक की वृद्धि दर्ज की गयी है. साथ ही वर्ष 2023-24 में झारखंड में बैंकों ने 4,081 करोड़ रुपये के रिफाइनेंस का लाभ उठाया है. इसमें अकेले झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक और झारखंड राज्य सहकारी बैंकों ने ही 2,896 करोड़ रुपये के तौर पर सबसे ज्यादा हिस्से का लाभ उठाया है. नाबार्ड ने किसानों को आर्थिक तौर पर स्वावलंबी बनाने के साथ ही सिंचाई, स्वास्थ्य, जल-स्वच्छता, शिक्षा, संपर्क आदि के लिए ग्रामीण बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए राज्य सरकार को सहायता प्रदान की है.
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झारखंड के ग्रामीण विकास के लिए 6,200 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता
झारखंड के खासकर ग्रामीण विकास के लिए रूरल फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन (आरएफआइ) ने झारखंड को वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान रिकॉर्ड 6,200 करोड़ की विकास सहायता उपलब्ध करायी है
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