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साक्षरता दिवस : झारखंड में 42 लाख निरक्षर, पुरुषों से दोगुनी महिलाएं, चलाया जाएगा नव भारत साक्षर अभियान

झारखंड में आज भी 42 लाख लोग निरक्षर हैं, इनमें 1355606 पुरुष और 2872336 महिलाएं हैं. यानी निरक्षर लोगों में पुरुषों से दोगुनी महिलाएं हैं. इन्हें वर्ष 2027 तक पूर्ण साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है. नव भारत साक्षर अभियान के तहत इस वर्ष झारखंड में 17 लाख लोग साक्षर बनाये जायेंगे.

रांची, सुनील कुमार झा : झारखंड को वर्ष 2027 तक पूर्ण साक्षर राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए अभियान भी शुरू कर दिया गया है. शिक्षा विभाग द्वारा तैयार पिछली रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड में वर्तमान में कुल 4227942 लोग निरक्षर हैं. इसमें से 17 लाख लोगों को इस वर्ष साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके बाद निरक्षर रह गये 25 लाख लोगों को वर्ष 2026 तक साक्षर बनाया जायेगा. राज्य में कुल निरक्षर लोगों में 1355606 पुरुष व 2872336 महिलाएं है. इस वर्ष जिन 17 लाख लोगों को साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है, उनमें 11.81 लाख महिला व 5.26 लाख पुरुष शामिल हैं.

राज्य में पुरुषों की तुलना में निरक्षर महिलाओं की संख्या लगभग दोगुनी है. इन लोगों को मार्च 2024 तक साक्षर बनाने के साथ कक्षा तीसरी पास होने का सर्टिफिकेट भी दिया जायेगा. साक्षरता को लेकर अब तक देश में कई अभियान चलाया गया है.साक्षरता को लेकर वर्ष 2009 से 2018 तक साक्षर भारत अभियान चलाया गया, इसके बाद वर्ष 2020 से 2022 तक पढ़ना-लिखना अभियान चला. वर्ष 2022 से नव भारत साक्षर अभियान शुरू किया गया है.

निरक्षरों को दी जाने वाली जानकारी

इसके तहत चिह्नित लोगों को मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता की जानकारी, महत्वपूर्ण जीवन कौशल, बेसिक शिक्षा, व्यावसायिक कौशल विकास की जानकारी दी जायेगी. 15 से 35 वर्ष के निरक्षर लोगों को पहले साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके तहत लोगों को वित्तीय साक्षरता, कानूनी साक्षरता, पर्यावरण साक्षरता के साथ-साथ सड़क दुर्घटना के प्रबंधन समेत अन्य जानकारी दी जायेगी.

इन पर होगी साक्षर करने की जिम्मेदारी

अभियान के तहत कक्षा पांच व उससे ऊपर के विद्यार्थी, बीएड कॉलेज के विद्यार्थी, कॉलेज, विश्वविद्यालय के विद्यार्थी, नेहरु युवा केंद्र , एनएसएस, एनसीसी कैडेटों को लोगों को साक्षर बनाने की जिम्मेदारी की गयी है. कक्षा पांच से ऊपर के विद्यार्थी अपने परिवार के निरक्षर लोगों की मदद करेंगे. अभियान के संचालन को लेकर जिला से लेकर पंचायत स्तर तक समिति का गठन गया है.

2011 में राज्य में 83 लाख लोग थे निरक्षर

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य में लगभग 83,18,544 लोग निरक्षर थे. इनमें 2845086 पुरुष व 5473458 महिला शामिल थी. वर्ष 2009 से 2018 तक चले साक्षर भारत अभियान के तहत इनमें से 4018607 लोगों को साक्षर बनाया गया. इसके बाद वर्ष 2020 से 2022 तक चले पढ़ना लिखना अभियान के तहत 89945 लोगों को साक्षर बनाया गया . राज्य में निरक्षर रह गये लोगों को नव भारत साक्षर अभियान के तहत साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

जिलावार निरक्षर लोगों की संख्या

  • जिला — संख्या

  • बोकारो — 278995

  • चतरा — 72387

  • देवघर — 168861

  • धनबाद — 239624

  • दुमका — 175237

  • पूर्वी सिंहभूम — 449082

  • गढ़वा — 175185

  • गिरिडीह — 305700

  • गोड्डा — 287265

  • गुमला —105665

  • हजारीबाग — 56831

  • जामताड़ा — 204314

  • खूंटी —141516

  • कोडरमा — 78334

  • लातेहार — 124398

  • लोहरदगा — 37832

  • पाकुड़ — 108185

  • पलामू — 114614

  • रामगढ़ — 153452

  • रांची — 126824

  • साहेबगंज — 227016

  • सरायकेला-खरसावां — 265907

  • सिमडेगा — 140143

  • पश्चिमी सिंहभूम — 208575

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