रांची. कार्तिक पूर्णिमा बुधवार को है. शाम 7:16 बजे तक पूर्णिमा तिथि है. स्नान-दान और व्रत की पूर्णिमा के साथ कार्तिक मास का समापन हो जायेगा. इस अवसर पर देव दीपावली भी मनायी जायेगी. घरों व विभिन्न मंदिरों को दीपावली की तरह सजाया जायेगा. काशी में विशेष उत्सव का आयोजन किया जा रहा है. इस पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहते हैं. पुराणों में कहा गया है कि भगवान शिव ने त्रिपुरा नामक राक्षस को मारा था. इसलिए इसका नाम त्रिपुरी पूर्णिमा पड़ा. इस दिन भगवान को गंगा जल से स्नान कराने और दीप दान आदि करने का विशेष महत्व है. दान-पुण्य का विशेष महत्व बुधवार की सुबह स्नान-दान करने, विभिन्न नदी, तालाबों में डुबकी लगाने, भगवान को अर्घ देने और दान पुण्य का विशेष महत्व है. इस दिन मंदिरों व घरों में भगवान सत्यनारायण की पूजा की जायेगी. स्वर्णरेखा नदी तट स्थित इक्कीसों धाम मंदिर परिसर में विशेष पूजा का आयोजन किया जायेगा. कान्यकुब्ज स्वर्णकार समाज की ओर से पूजा कर प्रसाद आदि का वितरण किया जायेगा.
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