खलारी. झाड़ियों से पट चुकी खलारी कोयलांचल की करकट्टा-विश्रामपुर कॉलोनी में इन दिनों सियारों ने बसेरा बना लिया है. रात होते ही सियारों का भौंकना शुरू हो जाता है. इस कारण करकट्टा कॉलोनी के लोगों में भय बना हुआ है. उल्लेखनीय है कि करकट्टा-विश्रामपुर कॉलोनी में वर्षों से कचरा उठाव नही होने से लोगों का जीवन नारकीय हो गया है. दुर्गा पूजा हो या होली हर उत्सव कचरे के बीच मनाना कॉलोनी के लोगों को मजबूरी बन गयी है. दुर्गा पूजा जैसे बड़े उत्सव के बाद दिवाली और उसके बाद छठ पूजा है, परंतु करकट्टा-विश्रामपुर कॉलोनी के लोगों को अब गंदगी के बीच रह कर दुर्गा पूजा के बाद दिवाली और छठ पूजा मनाना पड़ेगा. वहीं दूसरी ओर झाड़ियों से पट चुका कॉलोनी में सियारों का बसेरा बन जाने से लोगों के बीच डर का माहौल बना हुआ है. कॉलोनी के लोगों का कहना है कि वर्षों से डे-टू-डे नियमित कचरा का उठाव नहीं हो रही है. इस कारण बरसाती घास और झाड़ियों से कॉलोनी क्षेत्र पट चुका है, जिसके कारण कॉलोनी में अब सियारों ने अपना बसेरा बनाना शुरू कर दिया है. लोगों ने बताया कि कॉलोनी में पूर्व में बना डस्टबिन भी गायब हो चुका है. जगह-जगह कचरा का भरमार पड़ा है, जिससे कॉलोनी के कई स्थानों पर डंपिंग यार्ड बन गया है. इस कारण स्थिति और भी नारकीय हो गयी है. कॉलोनी में जहां-तहां कचरों का अंबार तो लगा ही है, नालियां भी गंदगी से बजबजा रही हैं. इन नालियों में सुअरों का बसेरा है. जिसके कारण मच्छरों का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है. लोगों में बीमारी के फैलने की आशंका बढ़ गयी है. करकट्टा-विश्रामपुर के लोगों का मानना है कि बीते कई वर्षों से सीसीएल के एनके एरिया द्वारा करकट्टा कॉलोनी की उपेक्षित किया जाता रहा है. इसके कारण पूरा करकट्टा-विश्रामपुर कॉलोनी का इलाका झाड़ियों से पट चुका है.
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