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राजस्थान में 17, छत्तीसगढ़ में नौ मंत्री हारे, झारखंड में भी मंत्रियों पर सवाल उठा रहे कांग्रेसी

आज के चुनाव नतीजे से स्पष्ट हो गया है कि झारखंड के भी कांग्रेस विधायक और मंत्री कार्यकर्ता पर ध्यान दें, नहीं तो यहां भी बहुत बुरा होगा. कांग्रेस के कोई भी विधायक और मंत्री किसी भी कांग्रेस कार्यकर्ता को ना तो पहचानते हैं

रांची : राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेसियों के हाथ से सत्ता छीन गयी है. दो राज्यों के चुनाव परिणाम के बाद झारखंड में भी कांग्रेस की राजनीति गरमा गयी है. राजस्थान में 17 मंत्री और छत्तीसगढ़ में नौ मंत्री चुनाव हार गये हैं. मंत्री-विधायकों को चुनाव में मिली शिकस्त को लेकर कार्यकर्ता झारखंड में भी मंत्रियों के कामकाज पर सवाल उठा रहे हैं. यहां मंत्रियों द्वारा कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करने की बात कही जा रही है. पार्टी के कार्यकर्ता-पदाधिकारी खुल कर कहने के लिए तैयार नहीं हैं, लेकिन पार्टी के विभिन्न सोशल प्लेटफॉर्म पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं. पार्टी में अलग-अलग सोशल मीडिया ग्रुप जैसे ओबीसी ग्रुप, एससी मोर्चा, एसटी मोर्चा जैसे वाट्सअप ग्रुप बनाये गये हैं. इन वाट्सअप ग्रुप में अपनी पीड़ा व्यक्त कर रहे हैं.

कार्यकर्ता कुछ यूं लिख रहे अपनी पीड़ा :

आज के चुनाव नतीजे से स्पष्ट हो गया है कि झारखंड के भी कांग्रेस विधायक और मंत्री कार्यकर्ता पर ध्यान दें, नहीं तो यहां भी बहुत बुरा होगा. कांग्रेस के कोई भी विधायक और मंत्री किसी भी कांग्रेस कार्यकर्ता को ना तो पहचानते हैं और ना फोन उठाते हैं. किसी तरह के काम करने की जहमत भी नहीं उठाते हैं. इसका खामियाजा 2024 में देखने को मिल सकता है. आकलन करने में अगर कोई गलती हुई होगी, तो मुझे छोटा सका कार्यकर्ता समझ के माफ कर देंगे.

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हमारे राहुल गांधी देश को बचाने में लिए पार्टी को जीत दिलाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. लेकिन पार्टी के मंत्री विधायक और बड़े नेता कार्यकर्ताओं के साथ दुष्ट व्यवहार कर रहे हैं. पार्टी की नैया डूबा रहे हैं. मैं अपना व्यक्तिगत राय रखना चाहता हूं. हमारे कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता रीढ़ की हड्डी होते हैं. मंत्री-विधायक और बड़े नेताओं द्वारा कार्यकर्ता को नजरअंदाज किया जाता है. कार्यकर्ताओं को मान-सम्मान और जगह नहीं मिलता है. कोई फोन तक नहीं उठाते हैं.

दूरी पाटने का काम करना होगा, हर हाल में सम्मान होना चाहिए : ठाकुर

प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि पूरी पार्टी कार्यकर्ताओं के संघर्ष और मेहनत के बदौलत चलती है. सरकार व संगठन की दूरी पाटने का काम करना होगा. सबकी जवाबदेही तय की जायेगी. कार्यकर्ताओं को हर हाल में सम्मान मिलना चाहिए. यह जमीन पर लड़ने वाले सच्चे सिपाही हैं. केंद्रीय नेतृत्व ने पार्टी के मंत्री-विधायक सभी को स्पष्ट निर्देश दिया है कि कार्यकर्ताओं की समस्या को देखें. संगठन को जमीनी स्तर तक ले जायें. हम पंचायत स्तर पर कमेटी बना रहे हैं. पार्टी को व्यक्तिवादी नहीं होने दिया जायेगा. इसमें सबकी सामूहिक भूमिका होगी.

हार से सबक लेने की जरूरत, जवाबदेही तय हो : बंधु

रांची. कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने चार राज्यों के चुनाव परिणाम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि नतीजे से सबक लेने की जरूरत है. जमीनी स्तर पर संगठन कितना मजबूत है, इसकी सही तरीके से समीक्षा की जरूरत है. कागज पर संगठन नहीं चल सकता है. बड़े नेता से लेकर छोटे कार्यकर्ता की जवाबदेही तय होनी चाहिए. केवल पार्टी ऑफिस या जिला कार्यालय में बैठक करने से हालात नहीं बदलने वाले हैं. जनता के साथ जुड़ना होगा. पार्टी को पूरे समर्पण और निष्ठा से साथ समय देनेवाले लोगों को आगे लाने की जरूरत है.

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