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Jharkhand: सरेंडर करने के बाद महाराज प्रमाणिक ने किया नक्सलियों का पर्दाफाश, कहा- संगठन में होता है शोषण

Jharkhand: पुलिस के सामने सरेंडर करने के बाद महाराज प्रमानिक ने नक्सलियों का सारा कच्चा चिठ्ठा खोल दिया है. उन्होंने कहा कि पीरटांड़ के शीर्ष नक्सली करते शोषण हैं. जहां महिलाएं भी सुरक्षित नहीं है. अब उनका मुख्य काम लेवी वसूलना रह गया हैं

Naxal Surrender In Jharkhand रांची : ट्राइ जंक्शन एरिया (तमाड़, खूंटी, सरायकेला व चाईबासा क्षेत्र) नक्सलियों का गढ़ माना जाता है. इन इलाकों में माओवादी जोनल कमांडर महाराज प्रमाणिक 2010 से सक्रिय रहा. सरेंडर के बाद शुक्रवार को उसने बताया कि ट्राइ जंक्शन एरिया से हर साल करीब पांच करोड़ की वसूली होती है. सड़क निर्माण से जुड़ी एजेंसियों, ठेकेदारों, व्यवसायी, खनन क्षेत्र व मोबाइल टावर लगानेवालों से लेवी की वसूली होती है.

जोनल कमांडर अपना खर्च काट रीजनल कमांडर को लेवी का पैसा भेजता है. रीजनल कमांडर खर्च काट पैसा सैक सदस्य को देता है. सैक से खर्च रखने के बाद बाकी पैसे केंद्रीय केंद्रीय कमेटी तक पहुंचता है. अभी ट्राइ जंक्शन एरिया में 35 से 40 नक्सली बचे हैं. संगठन में बाहरी-भीतरी वाली बात हो गयी है. गिरिडीह के पीरटांड़ के बड़े नक्सली स्थानीय का शोषण करते हैं. महिला कैडर सुरक्षित नहीं.

2015 से संगठन में मोबाइल के प्रयोग पर पाबंदी :

प्रमाणिक ने कहा कि 2015 से ही संगठन में मोबाइल के उपयाेग पर पाबंदी है. संगठन के सदस्यों को हर साल एक माह की बौद्धिक ट्रेनिंग दी जाती है. मणिपुर, आंध्र, तेलंगाना आदि से लाेग ट्रेनिंग देने आते हैं. शहरी क्षेत्र में भी नक्सलियों के सपोर्टर हैं, जो सरकार की योजनाओं से शीर्ष नेतृत्व को अवगत कराते हैं. जोनल कमांडर या इससे ऊपर रैंक के नक्सली वारदात को अंजाम देने नहीं जाते हैं. वे केवल प्लान तैयार कर एरिया कमांडर के नेतृत्व में दस्ता को भेजते हैं.

इन बड़ी घटनाओं में शामिल रहा महाराज प्रमाणिक

पुलिस के अनुसार महाराज प्रमाणिक चौका थाना क्षेत्र के खूंटी में पुलिसकर्मी कालीचरण बोदरा व चौका के महादेव बेड़ा में सीआरपीएफ कमांडेंट चंद्रशेखर रेड्डी की हत्या में शामिल था. इसके अलावा वह सरायकेला के कुकड़ू हाट में पांच पुलिसकर्मियों की हत्या में भी शामिल था. वह 2008 में जेल गया था. बाहर आने बाद नक्सली संगठन का हिस्सा बन गया. प्रमाणिक 2010 से अब तक भाकपा माओवादी के केंद्रीय कमेटी सदस्य अनल उर्फ रमेश दा उर्फ रमेश मांझी की टीम के साथ सक्रिय रहा है.

पुलिस के अनुसार, इस टीम ने 22 मार्च 2010 को चौका थाना के नरसिंह इस्पात कंपनी में हमला कर सुरक्षाकर्मियों व मजदूरों को पीटा था और गाड़ी, कंप्यूटर व मशीनों में आग लगा दी थी. मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी की मौत हुई थी. जून 2018 में कुचाई स्थित कसरोली क्षेत्र में मुठभेड़ में दो जवान की मौत हुई थी.

19 मई 2019 को खरसावां के सुरू डैम की सुरक्षा के लिए जा रही पुलिस पार्टी पर आइइडी ब्लास्ट कर हमला किया था. इसमें दो जवान घायल हुए थे. एक नक्सली प्रदीप स्वांसी मारा गया था. 28 मई 2019 को कुचाई के रायसिंदरी पहाड़ पर पुलिस पार्टी पर आइइडी ब्लास्ट कर हमला हुआ था. इसमें कोबरा बटालियन व झारखंड जगुआर के 15 अफसर व जवान गंभीर रूप से घायल हुए थे. 04 मार्च 2021 को चाईबासा के टोकलो थाना अंतर्गत लाजी पहाड़ पर पुलिस पार्टी पर घात लगाकर हमला किया गया था. इसमें एसटीएफ के तीन जवान शहीद हो गये थे.

मां व खुद की जान बचाने के लिए संगठन में हुआ शामिल

महाराज प्रमाणिक 2007-08 में चांडिल कॉलेज में बीएससी में पढ़ता था. चबूतरा निर्माण को लेकर गांव के कुछ लोगों ने इसे और इसकी मां को मारने की सुपारी दी. अपराधियों ने घर पर धावा भी बोला था, पर मां-बेटे बच गये. तब इसने एरिया कमांडर रामविलास लोहरा से मदद मांगी थी. बाद में यह सब-जोन कमांडर डेविड महतो के साथ भाकपा माओवादी में शामिल हो गया. इसके पास एनसीसी का बी सर्टिफिकेट भी था.

संगठन ने जन अदालत लगा सुनाया था सजा का फरमान

माओवादी संगठन ने 15 अगस्त 2021 महाराज प्रमाणिक को गद्दार घोषित कर दिया था. उसे जन अदालत में सजा देने का फरमान जारी हुआ. संगठन ने विज्ञप्ति जारी कर कहा था कि जुलाई 2021 से पहले तीन बार इलाज के बहाने महाराज संगठन से बाहर गया और पुलिस के संपर्क में आया. 14 अगस्त को वह 40 लाख रुपये, एक एके-47, 150 से अधिक गोलियां और पिस्टल के साथ संगठन छोड़कर भागा था.

Posted by : Sameer Oraon

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