अफसर-जमीन माफिया गठजोड़ की जांच कर रहे इडी की नजर रांची स्मार्ट सिटी पर भी है. इडी व्यवसायी विष्णु अग्रवाल द्वारा स्मार्ट सिटी की जमीन खरीदने में नेताओं और अफसरों की भूमिका का पता लगा रही है. विष्णु अग्रवाल ने जमीन के एवज में लगभग 150 करोड़ रुपये स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन को अदा किये हैं.
लेकिन, भुगतान करने में निर्धारित समय से लगभग एक महीना विलंब किया गया. निर्धारित समय सीमा में भुगतान नहीं करने की स्थिति में आवंटन रद्द करने की शर्त थी. हालांकि, इसकी अनदेखी करते हुए अग्रवाल के साथ रांची स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन ने डील की.
नीलामी में रिजर्व प्राइस पर ली जमीन :
अग्रवाल ने स्मार्ट सिटी में दो आवासीय और एक मिक्स्ड यूज के कुल 25.38 एकड़ के तीन प्लॉट खरीदे हैं. ये प्लॉट चैलेस रियल इस्टेट कंपनी के नाम पर रिजर्व प्राइस में खरीदे गये हैं. आवासीय प्लॉट 6.62 लाख व मिक्स्ड यूज प्लॉट 10.15 लाख रुपये डिसमिल की दर से खरीदी गयी है. इसके लिए दो किस्तों में भुगतान किया गया है.
सस्ती दर पर जमीन के लिए किया था गठबंधन :
स्मार्ट सिटी में कुल छह आवासीय और दो मिक्स्ड यूज के प्लॉट की नीलामी में प्रतिस्पर्धा न हो, इसलिए रियल इस्टेट से जुड़े व्यवसायियों ने आपस में गठबंधन कर लिया था. रिजर्व प्राइस में जमीन लेने के लिए एक ही कंपनी में कई बिल्डर हिस्सेदार बन गये. नतीजन, नीलामी में उनको अपेक्षाकृत सस्ती दर पर जमीन मिल गयी.