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मांडर इंटर कॉलेज की कार्यशैली पर झारखंड हाईकोर्ट नाराज, लगाया 50 हजार का जुर्माना, जानें पूरा मामला

जुर्माने की राशि बच्चों के लिए काम करनेवाली संस्था करुणा में जमा करने का निर्देश देते हुए याचिका निष्पादित कर दिया. इससे पूर्व प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता कुमार हर्ष व अधिवक्ता सूरज किशोर प्रसाद ने अदालत को बताया कि जैक द्वारा इन छात्रों का इंटर परीक्षा का प्रवेश पत्र निर्गत नहीं किया गया है

झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने मांडर इंटर कॉलेज के छात्रों की इंटर परीक्षा-2023 के प्रवेश पत्र को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) व कॉलेज को निर्देश दिया कि किसी भी परिस्थिति में छात्रों की इंटर परीक्षा छूटनी नहीं चाहिए. वैसे छात्रों को अविलंब प्रवेश पत्र जारी करना सुनिश्चित करें. अदालत ने कॉलेज प्रबंधन की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए उस पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया.

जुर्माने की राशि बच्चों के लिए काम करनेवाली संस्था करुणा में जमा करने का निर्देश देते हुए याचिका निष्पादित कर दिया. इससे पूर्व प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता कुमार हर्ष व अधिवक्ता सूरज किशोर प्रसाद ने अदालत को बताया कि जैक द्वारा इन छात्रों का इंटर परीक्षा का प्रवेश पत्र निर्गत नहीं किया गया है, जबकि कॉलेज ने छात्रों से परीक्षा फॉर्म भरवाया तथा पैसा भी लिया. 14 मार्च से इंटर की परीक्षा शुरू हो रही है. जैक की ओर से अदालत को बताया गया कि प्रवेश पत्र जारी नहीं होने के लिए कॉलेज प्रबंधन जिम्मेवार है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी हिमा देवी व अन्य की ओर से याचिका दायर की गयी थी.

नामांकन नहीं लेने पर डीपीएस को शो कॉज

झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) में आरटीइ एक्ट के तहत रिजर्व सीट पर आर्थिक रूप से कमजोर व पिछड़े वर्ग के बच्चों के नामांकन को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि बीपीएल बच्चे का नामांकन नहीं लेने पर डीपीएस को शो कॉज नोटिस दिया गया है. पूछा गया है कि अरबी रानी का नामांकन क्यों नहीं लिया गया. वहीं डीपीएस की ओर से जवाब दायर करने के लिए अदालत से समय देने का आग्रह किया गया. अदालत ने आग्रह स्वीकार करते हुए समय प्रदान किया. मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 22 मार्च की तिथि निर्धारित की.

बिल्डिंग का अवलोकन कर सौंपी रिपोर्ट

झारखंड हाइकोर्ट ने धुर्वा में निर्माणाधीन ग्रीन बिल्डिंग में वकीलों के लिए उपलब्ध करायी जा रही सुविधाओं को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस एस चंद्रशेखर व जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की खंडपीठ में सुनवाई के दाैरान अधिवक्ताओं की समिति ने सीलबंद रिपोर्ट साैंपी. खंडपीठ ने रिपोर्ट को सीलबंद रखने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 मार्च की तिथि निर्धारित की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी एडवोकेट एसोसिएशन की ओर से जनहित याचिका दायर की गयी है.

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