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JBVNL ने बिजली संकट से निजात पाने के लिए झारखंड सरकार से मांगी मदद, कर डाली ये मांग

15 अक्तूबर से ही लगातार झारखंड को अतिरिक्त बिजली खरीदने पर रोक है. यहां तक कि आधुनिक पावर से मिल रहे 180 मेगावाट बिजली भी रोक दी गयी है, जबकि डीवीसी कमांड एरिया में 10 प्रतिशत कटौती का आदेश दिया गया है.

झारखंड में व्याप्त बिजली संकट से निजात पाने के लिए अब जेबीवीएनएल ने राज्य सरकार को त्राहिमाम संदेश भेज सहायता मांगी है. राज्य सरकार से 500 करोड़ के रिवॉल्विंग फंड की मांग की है. जेबीवीएनएल के एमडी ने मुख्य सचिव से इस संबंध में बात भी की है. केंद्र सरकार के नये नियम के अनुसार, बकाया होने पर राज्य की बिजली में कटौती कर दी जाती है.

15 अक्तूबर से ही लगातार झारखंड को अतिरिक्त बिजली खरीदने पर रोक है. यहां तक कि आधुनिक पावर से मिल रहे 180 मेगावाट बिजली भी रोक दी गयी है, जबकि डीवीसी कमांड एरिया में 10 प्रतिशत कटौती का आदेश दिया गया है. नये नियम के अनुसार, केंद्र सरकार ने प्राप्ति पोर्टल बनाया है. इसमें बकाये को नियमित रूप से अपडेट किया जाता है.

205 करोड़ रुपये है बकाया, केंद्र ने रोक रखी है बिजली :

प्राप्ति पोर्टल के अनुसार 22 नवंबर को झारखंड का बकाया 205 करोड़ रुपये है. यह बकाया डीवीसी का है. अधिकारी बताते हैं कि जब तक बकाये का भुगतान नहीं किया जाता, तब तक पावर एक्सचेंज से बिजली खरीदने की अनुमति नहीं मिल सकती. केंद्र ने बिजली देने पर रोक लगा दी है.

सुबह और शाम है ज्यादा समस्या :

झारखंड में सुबह और शाम में बिजली संकट से लोगों को जूझना पड़ता है. इस समय बिजली की मांग ज्यादा रहती है पर बिजली की उपलब्धता कम रहती है. राज्य में इस समय टीवीएनएल से 360 मेगावाट,एनटीपीसी से 500 मेगावाट, इनलैंड से 50 मेगावाट व अन्य स्त्रोत मिलाकर 1200 से 1400 मेगावाट बिजली मिलती है. शाम के समय मांग बढ़कर 1700 से 1800 मेगावाट हो जाती है.

इस कारण 500 मेगावाट लोड शेडिंग करनी पड़ती है. अतिरिक्त बिजली की पूर्ति पावर एक्सचेंज से करनी पड़ती है. पर पावर एक्सचेंज से बिजली खरीदने पर रोक लगी है. डीवीसी कमांड एरिया में भी बिजली कटौती कर 400 मेगावाट ही दी जा रही है. वहां भी धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, हजारीबाग, चतरा, रामगढ़ में लोड शेडिंग आरंभ हो गयी है.

Prabhat Khabar News Desk
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यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

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