9.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

झारखंड पेयजल विभाग की 433.20 करोड़ से शुरू की गयी 24 योजनाएं अधूरी, आठ पर तो एक भी पैसा खर्च नहीं

पेयजलापूर्ति योजनाओं की सुस्त रफ्तार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 433.20 करोड़ की लागतवाली इन योजनों पर 252.85 करोड़ रुपये ही खर्च किये जा चुके हैं

पेयजल स्वच्छता विभाग द्वारा राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 433.20 करोड़ रुपये की लागत से शुरू की गयी 24 योजनाएं अब भी अधूरी हैं. इन योजनाओं की स्वीकृति वर्ष 2015 से वर्ष 2021 तक की अवधि में हुई थी. इन योजनाओं को एक साल से अधिकतम चार साल तक की अवधि में पूरा करना था. हालांकि योजनाओं की भौतिक प्रगति नौ प्रतिशत से 91 प्रतिशत तक ही रही. इसके अलावा सरकार प्रति पंचायत पांच नलकूप की योजना भी पूरा नहीं कर सकी.

पेयजलापूर्ति योजनाओं की सुस्त रफ्तार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 433.20 करोड़ की लागतवाली इन योजनों पर 252.85 करोड़ रुपये ही खर्च किये जा चुके हैं. इन योजनाओं में से आठ पर वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान एक भी पैसा खर्च नहीं किया गया. समय पर पूरी नहीं होनेवाली इन 24 योजनाओं में से सात योजनाएं पाकुड़ जिले की आदिम जनजातियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने से संबंधित है.

इन योजनाओं को 32.73 करोड़ की लागत पर वर्ष 2019 में स्वीकृत किया गया. विभाग द्वारा जनवरी 2019 व फरवरी 2019 में स्वीकृति आदेश जारी किया गया. आदिम जनजातियों के इलाके में बिजली की समस्या को देखते हुए सरकार ने इसे सौर ऊर्जा के सहारे चलाने का फैसला किया था. इन योजनाओं को एक साल में पूरा करना था. लेकिन, सौर ऊर्जा संचालित इन योजनाओं का काम अब तक 52-80 प्रतिशत तक ही पूरा हो सका है. समय पर पूरी नहीं होनेवाली इन योजनाओं में प्रति पंचायत पांच नलकूप लगाने की योजनाएं भी शािमल हैं.

खर्च नहीं हुए कृषि विकास की पांच योजनाओं के 180.63 करोड़ रुपये

राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के उद्देश्य से मधुमक्खी पालन सहित चार योजनाओं के लिए कुल 180.63 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया था, लेकिन सरकार ने इस राशि को खर्च नहीं किया, बल्कि पुनर्विनियोग के सहारे दूसरे मदों में हस्तांतरित कर लिया.

राज्य सरकार ने मधुमक्खी पालन, गन्ना विकास और जैविक प्रमाणीकरण एवं जैविक खाद उत्पादन प्रोत्साहन योजना में कुल 100.63 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था. सरकार ने बाद में इस राशि को दूसरे मद में हस्तांतरित कर लिया. इनका लाभ किसानों को नहीं मिल सका. सरकार ने केंद्र प्रायोजित योजना ‘राष्ट्रीय बागवानी मिशन कार्यक्रम’ के लिए कुल 80 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था.

योजना का ब्योरा बजट खर्च

नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रिकल्चर 10.00 00

गन्ना विकास योजना 40.63 00

मधुमक्खी पालन योजना 10.00 00

जैविक खाद उत्पादन प्रोत्साहन 50.00 00

राष्ट्रीय बागवानी मिशन कार्यक्रम 70.00 00

इन योजनाओं की राशि खर्च नहीं हुई

(करोड़ में)

Prabhat Khabar News Desk
Prabhat Khabar News Desk
यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel