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अवैध आपूर्ति पर लगी पाबंदी तो झारखंड में बालू की कालाबजारी शुरू, 18 हजार रूपये हुई प्रति हाइवा कीमत

अवैध बालू आपूर्ति की ठप हो जाने से झारखंड में काला बाजारी शुरू हो गयी है. 3500 से चार हजार रुपये में 709 ट्रक में मिलनेवाले बालू की कीमत इस समय छह हजार रुपये हो गयी है. वहीं निलामी अब तक शुरू नहीं हो सकी है

रांची: राजधानी में अवैध बालू आपूर्ति को लेकरजिला प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. इससे बालू आपूर्ति ठप हो गयी है और निर्माण कार्य प्रभावित होने की आशंका है. फिलहाल रांची में बालू की किल्लत होते ही कालाबाजारी शुरू हो गयी है. 3500 से चार हजार रुपये में 709 ट्रक में मिलनेवाले बालू की कीमत इस समय छह हजार रुपये हो गयी है. वहीं 12 हजार रुपये प्रति हाइवा बालू की कीमत अब 18 हजार रुपये हो गयी है.

तीन दिन से नहीं मिल रहा बालू, निर्माण कार्य प्रभावित :

लोहराकोचा में नाला और नयासराय में बाउंड्री का निर्माण करा रहे ठेकेदार अयूब रजा ने कहा कि पिछले तीन दिनों से बालू नहीं मिल रहा है. इससे काम बंद हो गया है. उनके अधीन 110 मजदूर काम करते हैं, लेकिन तीन दिनों से उन्हें भी भुगतान नहीं किया गया है. अन्य ठेकेदारों को भी समस्या हो रही है.

राज्य भर में 18 घाटों से ही वैध रूप से बालू का उठाव : राज्य भर में केवल 18 बालू घाटों से ही वैध रूप से बालू का उठाव हो रहा है. जेएसएमडीसी के चतरा के चार, सरायकेला-खरसावां के एक, कोडरमा के दो, दुमका के दो, देवघर के पांच, हजारीबाग के एक, खूंटी के दो व गुमला के एक बालू घाट ही ऐसे हैं, जिनमें माइंस डेवलपर सह ऑपरेटर (एमडीओ) नियुक्त हैं. यहां वैध तरीके से बालू का उठाव कर सकते हैं. रांची में खूंटी व गुमला के बालू घाटों से कुछ लोग बालू की आपूर्ति कर रहे हैं.

बालू घाटों की नीलामी की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो सकी है

12 चेकपोस्ट पर रोके जा रहे अवैध बालू

जिला प्रशासन ने रांची में अवैध बालू की आपूर्ति रोकने के लिए 12 जगहों पर चेक पोस्ट बनाये हैं, जहां वैध बालू की जांच हो रही है. दरअसल रांची में 25 बालू घाट हैं, लेकिन पिछले तीन साल से एक भी घाट की बंदोबस्ती नहीं हो सकी है. ऐसे में पूर्व में स्टॉकिस्ट से बालू मिल रहा था. लेकिन अब चेक पोस्ट पर इन्हें रोक दिया जा रहा है. जिला प्रशासन का स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी हाल में अवैध बालू की आपूर्ति नहीं होगी.

जिला जल्दी टेंडर की प्रक्रिया करें पूरी

पंचायतों को बालू आपूर्ति करने का अधिकार है. वैध बालू के लिए जिलों को सूची व एसओपी भेज दी गयी है. जिला जल्द से जल्द टेंडर की प्रक्रिया पूरी करें, ताकि बालू की आपूर्ति बाधित न हो.

पूजा सिंघल, खान सचिव

जेएसएमडीसी ने टेक्निकल टेंडर किया जिलों को करना है फाइनेंशियल टेंडर

सरकार के फैसले के अनुसार, कैटेगरी दो के सभी बालू घाटों का संचालन जेएसएमडीसी को ही करना है. इस कैटेगरी में राज्य में 608 बालू घाट चिह्नित हैं. इन घाटों को क्षेत्रफल के अनुसार तीन श्रेणी यानी कैटेगरी ए में 10 हेक्टेयर से कम, कैटेगरी बी में 10 हेक्टेयर से 50 हेक्टेयर और कैटेगरी सी में 50 हेक्टेयर से अधिक के बालू घाटों को रखा गया है.

जेएसएमडीसी द्वारा इन बालू घाटों के संचालन के लिए माइंस डेवलपमेंट ऑपरेट (एमडीओ) की नियुक्ति के लिए टेंडर किया जा चुका है. इसके तहत प्रथम चरण में जेएसएमडीसी एजेंसी को सूचीबद्ध करेगा. दूसरे चरण में एजेंसी के चयन के लिए फायनेंशियल बिड की प्रक्रिया जिलावार संबंधित डीसी द्वारा बालू घाटवार करने का निर्णय सरकार ने लिया है. इस बाबत खान विभाग ने कहा है कि डीसी संबंधित घाटों के लिए श्रेणीवार सूचीबद्ध एजेंसी में से ही कैटेगरी ए व कैटेगरी बी बालू घाटों के लिए वित्तीय निविदा के माध्यम से एजेंसी का चयन करेंगे.

Posted By: Sameer Oraon

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