जमशेदपुर, संजीव भारद्वाज-झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के 19वें दिन बुधवार को सदन में विधायक सरयू राय ने स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी और स्वास्थ्य विभाग के संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव रखा. विधानसभा में इस प्रस्ताव के पक्ष में भाजपा, जदयू, लोजपा और आजसू के सभी विधायक खड़े हो गये. स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने कहा कि वे इस प्रस्ताव को देखेंगे और आगे विधिसम्मत कार्रवाई करेंगे.
स्वास्थ्य मंत्री ने दिया था गलत जवाब – सरयू राय
विधायक सरयू राय ने इस पूरे मामले पर अपना संक्षिप्त वक्तव्य रखा. उन्होंने कहा कि विधानसभा में सदस्य के किसी प्रश्न का गलत और गुमराह करने वाला उत्तर देना सदन की अवमानना है. ऐसा करना सभा-सदस्य के सही उत्तर जानने के अधिकार का हनन भी है. विधायक ने कहा कि 21 मार्च 2025 को उनके अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य मंत्री ने सदन को गुमराह किया और स्वास्थ्य विभाग में सही प्रतिवेदन होने के बावजूद उन्होंने प्रश्न की कंडिका-2 का गलत उत्तर दिया है. सरयू राय के अनुसार उनका प्रश्न झारखंड राज्य फार्मेसी काउंसिल में निबंधक-सह-सचिव पद पर अनियमित तरीके से नियुक्ति करने के विषय में था.
फार्मेसी काउंसिल के सचिव का एक से अधिक स्थानों पर पंजीयन
कंडिका-2 में सरयू राय ने कहा कि किसी फार्मासिस्ट का पंजीयन एक ही दुकान के लिए होता है, लेकिन राज्य सरकार ने वैसे व्यक्ति को फार्मेसी काउंसिल का सचिव-सह-निबंधक नियुक्त किया है, जिसका पंजीयन एक से अधिक स्थानों पर है. सरयू राय ने बताया कि सहायक निदेशक (औषधि), दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल द्वारा निदेशक (औषधि), राज्य औषधि नियंत्रण प्रयोगशाला, झारखंड को प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन से स्पष्ट है कि उस व्यक्ति का अलग-अलग रजिस्ट्रेशन अलग-अलग स्थानों पर है. जांच में फार्मेसी द्वारा सहयोग भी नहीं किया गया और आवश्यक सूचनाएं नहीं दी गईं.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री को किया गुमराह
विधायक सरयू राय ने कहा कि उनके प्रश्न के उत्तर में सरकार ने इस तथ्य को छिपाया है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इस बारे में स्वास्थ्य मंत्री को गुमराह किया है. इसी कारण से उन्होंने सदन पटल पर उनके प्रश्न का गलत और भ्रामक उत्तर रखा है. सदन में किसी सभा-सदस्य के प्रश्न का गलत और भ्रामक उत्तर देना विधानसभा की अवमानना है और सभा-सदस्य के विशेषाधिकार का हनन है. श्री राय ने कहा कि झारखंड विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियम के अनुच्छेद 186 के तहत विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव रखा गया है. इसके बाद अनुच्छेद- 187, 188, 189 में विधानसभा में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव रखने और स्वीकृति देने की प्रक्रिया का उल्लेख है.
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