रांची.
झारखंड से दूसरे राज्यों में काम करने गये सिर्फ 1511 प्रवासी मजदूर परिवार ही वन नेशन वन राशन कार्ड योजना का लाभ उठा रहे हैं. प्रवासी आबादी को सशक्त और खाद्य सुरक्षा में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने वन नेशन वन राशन कार्ड योजना लागू की है. परंतु, झारखंड के लोग इस योजना का लाभ लेने में काफी पीछे हैं. राज्य में जनवितरण प्रणाली से राशन लेने वाले कार्डधारियों में से औसतन 80 परिवार ही अनाज का उठाव करता है. इसमें ग्रीन राशन कार्ड से औसतन 75 प्रतिशत और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से 86 प्रतिशत लोग ही नियमित रूप से राशन ले पाते हैं.जानकारी का है अभाव
लोगों का कहना है कि झारखंड के बहुत से राशनकार्डधारी परिवार रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में चले गये हैं. जानकारी के अभाव में वे स्थानीय जनवितरण प्रणाली की दुकानों से राशन नहीं उठा पाते हैं. इनमें ज्यादातर श्रमिक, दिहाड़ी मजदूर, शहरी गरीब, कबाड़ बीनने वाले, फुटपाथ पर रहने वाले, संगठित-असंगठित क्षेत्र के अस्थायी श्रमिक और घरेलू कामगार शामिल हैं. झारखंड के प्रवासी परिवारों में सबसे ज्यादा दिल्ली में रह रहे मजदूर ही इस योजना का लाभ उठा रहे हैं. इसके अलावा दिल्ली, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, केरल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भी झारखंड के प्रवासी परिवार अपने राशनकार्ड से अनाज ले रहे हैं.
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