डकरा. जनता मजदूर संघ 510 सदस्य संख्या के साथ लगातार तीसरे वर्ष एनके एरिया की सबसे बड़ी ट्रेड यूनियन बनी है. संघ की इस सफलता का श्रेय सीसीएल अध्यक्ष कमलेश कुमार सिंह के सहयोग से एनके एरिया सचिव गोल्टेन प्रसाद यादव को है, जिन्होंने मजदूरों के बीच अपनी लोकप्रियता बरकरार रखते हुए यह उपलब्धि हासिल की है. दूसरे नंबर पर अप्रत्याशित रूप से कोल फील्ड मजदूर यूनियन 498 सदस्य संख्या के साथ है. इस यूनियन में बहुरा मुंडा पुरनाडीह से अकेले 175 और ध्वजाराम धोबी रोहिणी से 170 सदस्य बना कर संगठन को मजदूरों के बीच लोकप्रिय बनाने का काम किया है. राष्ट्रीय कोयला मजदूर यूनियन 330 सदस्य संख्या के साथ तीसरे स्थान है और इस यूनियन के सबसे बड़े नेता ललन प्रसाद सिंह द्वारा यूनियन छोड़ देने के बाद भी जिस तरह यूनियन मजदूरों से जोड़े रखा है, यह एक संकेत है कि संगठन को संभालने की क्षमता सुनील कुमार सिंह में भी है. यूनाइटेड कोल वर्कर्स यूनियन 252 सदस्य संख्या के साथ चौथे, सीसीएल सीकेएस 243 पांचवें,आरसीएमएस ददई गुट 213 छठे, आरसीएमयू 207 सातवें, 95 सदस्य संख्या के साथ ऑल झारखंड कोयला श्रमिक संघ आठवें स्थान पर है.
सबसे खराब दौर में पहुंची सीसीएल-सीकेएस
बीएमएस से संबद्धता प्राप्त सीसीएल कोलियरी कर्मचारी संघ इंटक का वर्चस्व समाप्त होने और केंद्र में भाजपा की सरकार स्थायित्व होने के बाद लगातार नंबर वन यूनियन थी, लेकिन पिछले चार वर्षों में यूनियन अपने सबसे खराब दौर में पहुंच गयी है.हिंदू मजदूर सभा का दबदबा
केंद्रीय श्रमिक संगठन हिंद मजदूर सभा से संबद्धता प्राप्त जनता मजदूर संघ, कोल फिल्ड मजदूर यूनियन और राष्ट्रीय कोयला मजदूर यूनियन प्रथम तीन स्थान पर है. प्रबंधन ने कुल 2348 सदस्यों की जो सूची जारी की है, उसमें 1338 सदस्य इन्हीं तीनों यूनियन से हैं, अन्य 1010 में सभी शामिल हैं.
ललन प्रसाद सिंह ने दिखाया दम
राकोमयू छोड़ कर आरसीएमयू का दामन थामने वाले वरिष्ठ ट्रेड यूनियन नेता ललन प्रसाद सिंह ने 207 सदस्य संख्या के साथ ढलती उम्र में भी युवा पीढ़ी के नेताओं को चुनौती देने का काम किया है और आज भी मजदूरों के बीच इनकी पकड़ बरकरार है, यह साबित किया है.हरेंद्र सिंह ने जगायी उम्मीद
एजेकेएसएस को इसी वर्ष प्रबंधन ने मान्यता दी है और इसी वर्ष 95 सदस्य संख्या के साथ संगठन के सबसे युवा नेता हरेंद्र कुमार सिंह ने उम्मीद जगायी है कि वे मजदूरों के बीच अपनी पकड़ रखते हैं. वर्कशॅप में इनका यूनियन सबसे आगे है.
कई यूनियन का आंकड़ा गायब है
क्षेत्र की एक मजबूत यूनियन बिहार कोलियरी कामगार यूनियन, झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन के सदस्यों की संख्या जारी नहीं की गई है.एनसीओइए (सीटू) चेक-अप सिस्टम में शामिल नहीं है, इसलिए उनके सदस्यों की संख्या स्पष्ट नहीं होती है. कुल 2800 में 2348 सदस्यों की संख्या जारी हुई है. कुछ लोग बचे हुए 452 में अन्य यूनियन को बता रहे हैं.क्या कहा नेताओं ने
जमसं के कमलेश कुमार सिंह ने कहा कि इस नंबर का श्रेय गोल्टेन प्रसाद यादव को है, जो दिन-रात मेहनत कर मजदूरों के बीच काम करते हैं, सीएमयू के बिनय सिंह मानकी ने कहा कि एक टीम की तरह काम करने से हमलोग सफल हुए हैं, राकोमयू के सुनील कुमार सिंह ने कहा कि संगठन से बड़ा कोई नहीं होता और मजदूर नेताओं से संपर्क और काम चाहते हैं. हरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि अभी तो शुरुआत हुई है, मुझे संगठन को बहुत आगे ले जाना है.
दूसरे नंबर पर कोल फील्ड मजदूर यूनियन 498 सदस्य संख्या के साथ है
राष्ट्रीय कोयला मजदूर यूनियन 330 सदस्य संख्या के साथ तीसरे स्थान है
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