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झारखंड में मनरेगा के तहत 9 महीने में 935 लाख मानव दिवस का हुआ सृजन, 42 फीसदी महिलाओं की हुई भागीदारी

Jharkhand News, Ranchi News, रांची : झारखंड में मनरेगा के तहत बेहतर कार्य किये हैं. ग्रामीण परिवारों को मनरेगा के तहत स्थायी आजीविका प्रदान करने की दिशा में राज्य सरकार ने कोरोना काल के बावजूद अब तक सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल की है. गत 9 महीने में ही 935 लाख मानव दिवस का सृजन हो चुका है. लक्ष्य 1100 लाख मानव दिवस सृजन का है, जिसे मार्च, 2021 तक प्राप्त करना निर्धारित किया गया है.

Jharkhand News, Ranchi News, रांची : झारखंड में मनरेगा के तहत बेहतर कार्य किये हैं. ग्रामीण परिवारों को मनरेगा के तहत स्थायी आजीविका प्रदान करने की दिशा में राज्य सरकार ने कोरोना काल के बावजूद अब तक सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल की है. गत 9 महीने में ही 935 लाख मानव दिवस का सृजन हो चुका है. लक्ष्य 1100 लाख मानव दिवस सृजन का है, जिसे मार्च, 2021 तक प्राप्त करना निर्धारित किया गया है.

ग्रामीण विकास विभाग सचिव आराधना पटनायक की अध्यक्षता में शुक्रवार (22 जनवरी, 2021) को सभी जिलों के डीडीसी एवं सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों के साथ मनरेगा एवं प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रगति की समीक्षा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गयी. इस दौरान सचिव श्रीमती पटनायक ने सभी जिलों के डीडीसी को मनरेगा योजना अंतर्गत मानव दिवस सृजन में बढ़ोतरी पर बधाई भी दी.

11,78,995 नये परिवारों को मिला जॉब कार्ड

ग्रामीण विकास विभाग सचिव ने कहा कि झारखंड में अब तक 11,78,995 नये परिवारों को जॉबकार्ड दिया गया. इसमें 15, 81, 748 मजदूर शामिल हैं. बता दें कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में झारखंड के लिए 2,74,184 लाख रुपये तथा 800 लाख मानव दिवस श्रम बजट का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. कोरोना संक्रमण के दौरान प्रवासी मजदूरों के लौटने से इस कार्यबल में बढ़ोतरी हुई है. पिछले वर्षों में जहां औसतन लगभग डेढ़ लाख लोग प्रतिदिन कार्य करते थे, वहीं राज्य सरकार के प्रयास से इस वित्तीय वर्ष में औसतन लगभग 4 लाख लोग प्रतिदिन कार्य कर रहे हैं .फलस्वरूप मानव दिवस के सृजन में बढ़ोतरी हुई.

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9 माह में 935 लाख मानव दिवस का सृजन

वित्तीय वर्ष 2017-18 में 592.74 लाख, 2018-19 में 536.59 लाख, 2019-20 में 642.01 लाख मानव दिवस का सृजन किया गया था. वहीं, वर्तमान वित्तीय वर्ष में गत 9 माह में ही 935 लाख मानव दिवस का सृजन किया जा चुका है जो अब तक सबसे अधिक है. इसके पूर्व वित्तीय वर्ष 2016 -17 सुखाड़ वर्ष में सबसे अधिक 707 लाख मानव दिवस का सृजन किया गया था. इस वित्तीय वर्ष में 1100 लाख से अधिक मानव दिवस सृजन का अनुमान है.

15.53 लाख नये मजदूर जुटे

ग्रामीण विकास विभाग सचिव श्रीमती पटनायक ने कहा कि मनरेगा के अंतर्गत जहां पूर्व के वर्षों में वित्तीय वर्ष 2017- 18 में 4.59 लाख, 2018- 19 में 2.92 लाख, वर्ष 2019- 20 में 3.50 लाख नये परिवारों को जोड़ा गया है. वहीं, वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक कुल 11.78 लाख परिवारों को जोड़ते हुए जॉब कार्ड निर्गत किया गया, जिसमें से 15.53 लाख नये मजदूरों को जोड़ा गया है. इस वित्तीय वर्ष में 27.62 लाख श्रमिकों के द्वारा योजना अंतर्गत कार्य किया गया है जो पूर्व के वर्षों से लगभग 10 लाख अधिक है. वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक कुल 12.15 लाख योजनाओं पर कार्य प्रारंभ की गयी है जिसमें से विगत 9 माह में ही 3.76 लाख योजनाओं को पूर्ण कर लिया गया है, जो पूर्व के वर्षों की तुलना में काफी अधिक है.

रिजेक्ट ट्रांजेक्शन कि समीक्षा करते हुए सचिव ने कहा कि मनरेगा सॉफ्ट में परिलक्षित प्रतिवेदन के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020- 21 में कतिपय कारणों से रिजेक्ट हुए ट्रांजेक्शन में लगभग 25 हजार ट्रांजेक्शन का FTO सृजन नहीं हो पाया है. ससमय दोबार FTO सृजन नहीं होना मजदूरों को ससमय मजदूरी नहीं मिलने का एक मुख्य कारण है. रिजेक्ट ट्रांजेक्शन को अगले 2 दिन में शून्य कराने का निर्देश दिया गया.

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प्रतिवेदन सोशल ऑडिट MIS पर अपलोड करना

सोशल ऑडिट के दौरान उभरे मुद्दों पर कृत कार्रवाई प्रतिवेदन सोशल ऑडिट MIS पर अपलोड करना होता है और वसूली की गयी राशि और की गयी कार्रवाई से अवगत कराना होता है. अभी तक वर्ष में सोशल ऑडिट यूनिट द्वारा 80,528 मुद्दे अपलोड किये गये हैं, जिससे 43,329 पर कार्रवाई प्रतिवेदन दिया गया है. राशि की वसूली की अपलोडिंग एक सप्ताह में पूर्ण करने का सचिव ने निर्देश दिया है.

प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा

सचिव ने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में वित्तीय वर्ष 2020- 21 में पंजीकरण और स्वीकृति में धीमी प्रगति के लिए बिंदुवार समीक्षा भी की और वित्तीय वर्ष 2019- 20 में लंबित आवास को पूरा करने का निर्देश दिया गया. सचिव ने 3 दिनों के अंदर सभी योग्य लाभुकों को आवास के लिए पंजीकृत कर स्वीकृत करवाने और प्रतिदिन डिले आवास अधिकाधिक पूर्ण करवाने का निदेश दिया. साथ ही उन्होंने सभी अयोग्य लाभुकों को रिमांड मॉड्यूल के तहत विलोपित करने के लिए प्रस्ताव 2 दिनों के अंदर भेजने को कहा.

इसी क्रम में सचिव ग्रामीण विकास विभाग द्वारा निर्देशित किया गया कि किये जा रहे सभी कार्यों का धरातल पर उचित अनुश्रवण/पर्यवेक्षण आवश्यक है, ताकि कहीं भी गड़बड़ी की शिकायत ना आये. उन्होंने सभी प्रखंड के वरीय पदाधिकारियों एवं प्रखंड विकास पदाधिकारियों को सभी एक्टिव साईट एवं मनरेगा के तहत किये जा रहे कार्यों का लगातरा मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया गया.

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उन्होंने कहा कि लोगों के हित के लिए संचालित योजनाओं को धरातल पर सफल बनाना हमारा मुख्य उद्देश्य है. इसके लिए सभी अधिकारियों को सक्रिय रूप से प्रयासरत रहने के लिए निर्देश दिये गये. सचिव द्वारा सभी डीडीसी को सप्ताह में 2 दिन क्षेत्र भ्रमण कर योजनाओं का औचक निरीक्षण का निर्देश दिया, ताकि वास्तविकता जान सके तथा कमियां पायी जाये उसका समाधान भी कर सके.

वीडियो कांफ्रेंसिंग में ये थे शामिल

मनरेगा योजना की प्रगति की समीक्षात्मक बैठक को लेकर ग्रामीण विकास विभाग सचिव आराधना पटनायक की अध्यक्षता में राज्य के सभी डीडीसी के अलावा मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी व अन्य वीडियो कांफ्रेंसिंग में शामिल थे.

Posted By : Samir Ranjan.

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