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सीआरपएफ अगर नहीं आती, तो ईडी के अफसरों के साथ हो सकती थी अनहोनी : भाजपा

श्री शाहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री आवास के पास जब धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू थी, तो उसके बाद झामुमो के हजारों कार्यकर्ताओं को प्रशासन ने कैसे हथियार के साथ जाने की अनुमति दी?

रांची : भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झामुमो के बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि शनिवार को ऐसा प्रतीत हो रहा था कि भ्रष्टाचार के आरोप में चौतरफा घिरे मुख्यमंत्री ध्यान बंटाने के लिए सारी मर्यादा तोड़ रहे हैं. लग रहा था कि झामुमो का शीर्ष नेतृत्व झामुमो कार्यकर्ताओं से हिंसा तक करा देंगे. धारा 144 लागू किये जाने के बाद भी मुख्यमंत्री के आह्वान पर झामुमो के दस हजार कार्यकर्ता हथियार लेकर मुख्यमंत्री के घर के पास पहुंच गये. मुख्यमंत्री इन कार्यकर्ताओं के जरिये क्या देश की न्यायिक व्यवस्था, न्यायाधीशों, केंद्रीय एजेंसी या देश के संविधान को डराना चाह रहे थे. भय का माहौल तो यह सरकार पैदा कर रही थी.

क्या कहा भाजपा प्रवक्ता ने

श्री शाहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री आवास के पास जब धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू थी, तो उसके बाद झामुमो के हजारों कार्यकर्ताओं को प्रशासन ने कैसे हथियार के साथ जाने की अनुमति दी? लगातार मीडिया में झामुमो के नेताओं और कार्यकर्ताओं का इडी के अधिकारियों पर हमला और सेंदरा करने का आह्वान दिखता रहा. जब इडी के अधिकारी जा रहे थे, तो झामुमो के नेता और कार्यकर्ता उन पर भड़काऊ नारे लगाते दिखे. बीच में तो स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गयी थी कि लग रहा था कि इडी के अधिकारियों के साथ कोई भी अप्रिय घटना हो सकती है. अगर शनिवार को सीएम से पूछताछ के दौरान सीआरपीएफ नहीं आती, तो इडी के साथ किसी अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता था. पूछताछ के दौरान जिस तरीके से झामुमो के कार्यकर्ताओं ने भड़काऊ नारे लगाये ,धारा 144 का उल्लंघन किया, वैसे में अभी तक उन पर कोई भी मुकदमा दर्ज नहीं होना यह सिद्ध करता है कि यह सारा प्रदर्शन राज्य के द्वारा प्रायोजित था.

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