रांची. ऑड्रे हाउस में वसुंधरा आर्ट रांची की ओर से पर्यटन कला संस्कृति, खेलकूद व युवा कार्य विभाग, झारखंड सरकार के सहयोग से दो दिवसीय लोक नाट्योत्सव की शुरुआत हुई. नाट्योत्सव शुरू होने से पूर्व रांची रंगमंच के सभी कलाकारों द्वारा दिशोम गुरु को श्रद्धांजलि दी गयी. रंगकर्मी अजय मलकानी उपस्थित थे. वसुंधरा आर्ट्स द्वारा वसुंधरा सम्मान 2025 के तहत रांची शहर के दो युवा नाट्य निर्देशक अभिराज कुमार और राजीव सिन्हा को रांची रंगमंच में उनके योगदान और कार्य के लिए सम्मानित किया गया. मंच संचालन रिना सहाय द्वारा किया गया. मौके पर सचिव दीपक चौधरी, अध्यक्ष निरंजन मिश्र, राकेश कुमार उपस्थित थे. नाट्योत्सव के दूसरे दिन जमशेदपुर के संताली युवा निर्देशक राम मार्डी द्वारा संताली नाटक शापित प्रस्तुत किया जायेगा.
हिंसा और अहिंसा के बीच टकराव को दर्शाया
नाट्योत्सव के पहले दिन रांची की संस्था मैट्रिक्स द्वारा गिरीश कर्नाड रचित नाटक बलि का मंचन किया गया. इसका निर्देशन अभिराज कुमार ने किया. नाटक एक राजा, रानी, रानी मां और महावत के इर्द-गिर्द घूमती है. नाटक में दो विरोधी विचारधाराओं, हिंसा और अहिंसा के बीच टकराव को दर्शाया गया है. नाटक में बलि, देवताओं को प्रसन्न करने के लिए किये जाने वाले एक अनुष्ठान को दिखाया गया. इसमें यह सवाल उठाता है कि क्या कर्मकांडीय हिंसा वास्तविक हिंसा के समान है? नाटक में महावत की भूमिका में शंकर पाठक, राजा की भूमिका में शिवांग चौबे, राजमाता की भूमिका में लिसा वर्मा और रानी की भूमिका में शर्मिष्ठा थीं.
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