रांची़ झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य के सभी जिलों में वन स्टाॅप सेंटर (पीड़िता सहायता सेंटर) बनाये जाने को लेकर गलत शपथ पत्र दाखिल करने वाले अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है. अदालत ने कहा कि अधिकारी कोर्ट में गलत तथ्य पेश कर रहे हैं. ऐसा करने वाले अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी जाये. गुरुवार को चीफ जस्टिस डॉ बीआर षाड़ंगी व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने दुष्कर्म पीड़िता को सहायता और पुनर्वास योजना के लागू कराने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया. इस संबंध में दुष्कर्म पीड़िता की ओर से हाइकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गयी है. अदालत ने इस मामले में अधिवक्ता सुमित गाड़ोदिया को न्याय मित्र बनाया है. उनकी ओर से कहा गया है कि इस तरह के मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के बाद तेलंगाना में भरोसा सेंटर बनाया गया है. इसी दौरान सरकार की ओर से शपथ पत्र दाखिल कर बताया गया कि सभी जिलों में वन स्टाॅप सेंटर बना दिया गया है. इस पर अदालत ने कहा कि यह तथ्य गलत है. अभी तक सभी जिलों में वन स्टाप सेंटर कार्यरत नहीं है. इसलिए ऐसी भ्रामक सूचना देने वाले अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी जाये.
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