29 C
Ranchi

BREAKING NEWS

लेटेस्ट वीडियो

Ranchi News : कठपुतली कला के संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं डॉ बीरेंद्र महतो

डॉ भीमराव अंबेडकर राष्ट्र गौरव पुरस्कार देने की हुई है घोषणा

Audio Book

ऑडियो सुनें

रांची. डॉ बीरेंद्र कुमार महतो पिछले 24-25 वर्षों से कठपुतली कला के संरक्षण और इसे बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं. इसके लिए उन्हें डॉ भीमराव अंबेडकर राष्ट्र गौरव पुरस्कार देने की घोषणा की गयी है. उन्हें यह पुरस्कार 14 अप्रैल को फतेहाबाद (आगरा) में प्रदान किया जायेगा. डॉ बीरेंद्र कहते हैं, आदिवासी कठपुतली लोक कला ””चदर बदर”” को चादर बदोनी कला के नाम से भी जाना जाता है. यह कला संताल परगना एवं पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती इलाके से सटे क्षेत्रों में काफी लोकप्रिय थी. झारखंड के जगन्नाथपुर, मुड़मा, नागफेनी व रामरेखा मेला में पहले लोग कठपुतली का नाच देखने जाया करते थे. उन्होंने कहा कि यह कला मनोरंजन के साथ-साथ कम्युनिकेशन का भी एक सशक्त माध्यम है, जो अब धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही है. डॉ बीरेंद्र ने बताया कि उन्होंने साल 2000 में इस कला को सीखना शुरू किया था. जल्दी ही वे इस कला में पारंगत हो गये. उन्होंने झारखंड के विभिन्न इलाकों में अब तक 250 लोगों को कठपुतली का प्रशिक्षण दिया है. डॉ बीरेंद्र सिर्फ कठपुतली चलाने का नहीं बल्कि इसे बनाने का भी प्रशिक्षण देते हैं. उन्होंने संत मिखाइल ब्लाइंड स्कूल के बच्चों को भी कठपुतली बनाने का प्रशिक्षण दिया है. उन्होंने कठपुतली पर आधारित फिल्म अक्षर की बरसात में भी कठपुतली का संचालन किया और उसमें अपनी आवाज दी है. इस फिल्म के निर्माण में अखड़ा के मेघनाथ, बीजू टोप्पो और शिशिर टुडू का भी योगदान रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel