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Jharkhand News: महंगी पड़ी लापरवाही, मोबाइल पर बात करते पार कर रहीं थीं सड़क, ऑटो के धक्के से हुई मौत

Jharkhand News, Ranchi: मोबाइल पर बात करते हुए सड़क पार कर रहीं डीएवी आलोक की संगीत शिक्षिका ज्योति कर्ण को ऑटो ने धक्का मार दिया. उन्हें गंभीर हालत में हिनू स्थित सृष्टि अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

  • मोबाइल पर बात करते पार कर रहीं थीं सड़क

  • डीएवी आलोक की संगीत शिक्षिका थीं ज्योति कर्ण

  • सब्जी लाने गयीं थीं बिरसा चौक, तभी हुई घटना

Jharkhand News, Ranchi: मोबाइल पर बात करते हुए सड़क पार कर रहीं डीएवी आलोक की संगीत शिक्षिका ज्योति कर्ण को ऑटो ने धक्का मार दिया. उन्हें गंभीर हालत में हिनू स्थित सृष्टि अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. हादसा शुक्रवार को दिन के 3.30 बजे हुआ. वह डीएवी आलोक में पांच वर्ष से काम कर रहीं थीं. हादसा जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के बिरसा चौक स्थित नागेश्वर महतो पेट्रोल पंप (बिरसा चौक से हरमू जानेवाले मुहाने) के पास हुआ.

सिर के पिछले हिस्से में लगी चोट: घटना से पूर्व वह सब्जी लाने बिरसा चौक गयीं थी. सब्जी लेने के बाद वह मोबाइल पर बात करते हुए सड़क पार कर रही थीं. इसी क्रम में धुर्वा की ओर से आ रहे ऑटो ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी. इससे वह सड़क पर गिर गयीं. उनके सिर के पिछले हिस्से में गंभीर चोट आयी जो उनकी मौत की वजह बनी. जिस ऑटो ने वारदात को अंजाम दिया, पुलिस उसे भी नहीं पकड़ सकी. घटना के बाद जगन्नाथपुर थाना या ट्रैफिक पुलिस ने इसकी सूचना रांची के जिला परिवहन पदाधिकारी को नहीं दी. राज्य के नौ जिलों में सड़क हादसों का डिटेल हर दिन सॉफ्टवेयर में अपलोड होना है.

बिरसा चौक स्थित नागेश्वर महतो पंप (बिरसा चौक से हरमू जानेवाले मुहाने) के पास हादसा: यह हादसा चौक में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया. इसमें दिख रहा है कि कैसे मोबाइल पर बात करते हुए शिक्षिका सड़क पार कर रही हैं. तभी उन्हें धक्का मार कर अॉटोवाला वहां से निकल भागता है.

दो बच्चों ने खो दिया मां को: ज्योति कर्ण अपनी मां के साथ सेक्टर दो में रहती थीं. उनके दो बच्चे हैं. उनके पति कोलकाता में कार्यरत हैं. कुछ दिन पहले उनके पति का ट्रांसफर रांची हुआ था. शुक्रवार को रांची आनेवाले थे. डीएवी आलोक के प्राचार्य डॉ अशोक कुमार ने बताया कि वह पांच साल से डीएवी आलोक में शिक्षिका के रूप में कार्यरत थीं.

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Posted by: Pritish Sahay

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