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कोरोना से जंग : आम आदमी के लिए वरदान साबित हो रही है सरकारी व्यवस्था

झारखंड में काेरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. राज्य में अब तक 7,886 संक्रमित मिल चुके हैं, जिनमें 3,521 स्वस्थ हो चुके हैं. खास बात यह है कि यह सब सरकारी इंतजामों से ही हुआ है. मुफ्त में मरीजों के इलाज से लेकर पौष्टिक भोजन तक की व्यवस्था है.

  • असरकारी है सरकारी इंतजाम

  • जो सुविधा सरकार नि:शुल्क दे रही है, उसी सुविधा के लिए निजी अस्पताल प्रतिदिन छह से 13 हजार तक वसूल रहे

  • निजी अस्पताल में एक कोरोना मरीज 15 दिन भर्ती रहे, तो उसे 90 हजार से लेकर दो लाख तक देने पड़ रहे हैं

रांची : झारखंड में काेरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. राज्य में अब तक 7,886 संक्रमित मिल चुके हैं, जिनमें 3,521 स्वस्थ हो चुके हैं. खास बात यह है कि यह सब सरकारी इंतजामों से ही हुआ है. मुफ्त में मरीजों के इलाज से लेकर पौष्टिक भोजन तक की व्यवस्था है. यही इलाज निजी अस्पतालों में कराने पर एक मरीज को 15 दिनों के लिए 90 हजार रुपये से दो लाख रुपये तक का भुगतान करना पड़ रहा है. कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर राज्य सरकार हर जिले में बेड की संख्या बढ़ा रही है. सरकार मान रही है कि संक्रमण के लिहाज से अगस्त का महीना चुनौतीपूर्ण होगा.

कोरोना संकट के बीच राज्य के सरकारी अस्पताल मरीजों को बेहतर सेवाएं मुहैया करा रहे हैं. कोविड अस्पतालों में वार्डों को स्वच्छ बनाया गया है. प्रतिदिन वार्डों को सैनिटाइज किया जाता है. संक्रमितों को पौष्टिक भोजन के साथ ही स्वस्थ माहौल दिया जा रहा है. इससे मरीज न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी कोविड-19 से लड़ने में सक्षम हो रहे हैं. कई संक्रमित तो सात से 10 दिन में ही स्वस्थ होकर घर लौट जा रहे हैं.

रिम्स सहित पांच जगहों पर की गयी है व्यवस्था : सरकारी स्तर पर कोरोना संक्रमितों को भर्ती कर इलाज करने के लिए रिम्स सहित पांच अस्पतालों की व्यवस्था की गयी है. रिम्स में 100 बेड का कोविड अस्पताल, 72 बेड का एसिम्टोमैटिक वार्ड तैयार किया गया है. वहीं, सीसीएल में 90 बेड, पारस अस्पताल में 50 बेड, सर्ड में 90 बेड, टाना भगत अतिथिशाला में 80 बेड, रिसालदार नगर स्थित अर्बन अस्पताल में 90 बेड, विस्थापित कॉलोनी में 50 बेड की व्यवस्था की गयी है.

संक्रमिताें की बढ़ती संख्या पर हमारी निगाहें : बन्ना

रांची : स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को लेकर सरकार चिंतित है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं. लोग सरकारी व्यवस्था को चुनें, इसका हरसंभव प्रयास हो रहा है. सरकार को हर कोरोना संक्रमित की चिंता है.

निजी अस्पतालों में हर चीज के लिए देना पड़ रहा पैसा

राज अस्पताल

संचालक योगेश गंभीर ने बताया कि यहां संक्रमित के इलाज के प्रतिदिन का खर्च 10,000 रुपये होता है. इसमें मरीज की डायट भी शामिल है. दवा और जांच का खर्च अलग से आता है.

गुरुनानक अस्पताल

सचिव प्रदीप सिंह चड्डा ने बताया कि कोरोना संक्रमित के इलाज में यहां प्रतिदिन का खर्च 6,000 तक आता है. खाना व दवा इसमें शामिल है. जांच का खर्च अलग लगता है.

देवकमल अस्पताल

डॉ अनंत सिन्हा ने बताया कि संक्रमितों के इलाज के लिए आमंत्रण बैक्वेट हॉल आरक्षित किया गया है. यहां एक दिन का खर्च 2,400 आता है. प्राइवेट रूम में 4,000 रुपये का खर्च होगा. इसमें डायट और दवा शामिल है.

मेडिका अस्पताल

मेडिका के कोविड अस्पताल में प्रतिदिन का खर्च 12 से 13 हजार तक आता है. रिपोर्ट निगेटिव नहीं आने तक संक्रमित को रखा जाता है. कोई 10 से 11 दिन, तो कोई 18 दिन में ठीक होता है. जांच का खर्च अलग है.

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