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कोरोना ने ले ली झारखंड के 258 शिक्षकों की जान, कोविड ड्यूटी के दौरान हुए संक्रमित, शिक्षक संगठनों ने की सरकार से ये मांग

प्राथमिक व मध्य विद्यालय के शिक्षकों की संख्या हाइस्कूल व प्लस टू विद्यालय के शिक्षकों से अधिक है. जिन शिक्षकों का निधन हुआ है, उनमें कई ऐसे भी हैं, जो कोविड ड्यूटी में प्रतिनियुक्त थे. वह ड्यूटी के दौरान संक्रमित हुए और बाद में उनकी मौत हो गयी. कोविड-19 संक्रमण से रांची जिले के 33 शिक्षकों का निधन हुआ है.

Teachers Coronavirus Death In Jharkhand रांची : राज्य में कोरोना संक्रमण के कारण अब तक 258 शिक्षक अपनी जान गंवा चुके हैं. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने सभी जिलों से कोविड से संक्रमित शिक्षकों के निधन की जानकारी मांगी थी. सभी जिलों ने विभाग को रिपोर्ट भेज दी है. जिसके अनुसार राज्य के प्राथमिक से लेकर प्लस टू स्तर तक के विद्यालयों के 258 शिक्षकों की मौत कोरोना से हुई.

प्राथमिक व मध्य विद्यालय के शिक्षकों की संख्या हाइस्कूल व प्लस टू विद्यालय के शिक्षकों से अधिक है. जिन शिक्षकों का निधन हुआ है, उनमें कई ऐसे भी हैं, जो कोविड ड्यूटी में प्रतिनियुक्त थे. वह ड्यूटी के दौरान संक्रमित हुए और बाद में उनकी मौत हो गयी. कोविड-19 संक्रमण से रांची जिले के 33 शिक्षकों का निधन हुआ है.

अस्पताल से लेकर टीकाकरण केंद्र पर प्रतिनियुक्ति :

कोविड संक्रमण के दौरान शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति अस्पताल से लेकर टीकाकरण केंद्र तक पर की गयी. शिक्षक अब भी कोविड-19 से बचाव को लेकर चल रहे विभिन्न कार्यों में प्रतिनियुक्त हैं. शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति अस्पताल, कोरेंटिन सेंटर, कंट्रोल रूम, रेलवे स्टेशन, दवा दुकान और टीकाकरण केंद्र से लेकर ऑक्सीजन आपूर्ति कराने तक के लिए की गयी.

कई जिलों में चौक चौराहों पर वाहनों की जांच के लिए मजिस्ट्रेट के रूप में भी उनकी प्रतिनियुक्ति हुई. इस दौरान काफी संख्या में शिक्षक कोरोना संक्रमित भी हुए. अस्पताल और कंट्रोल रूम से लेकर कई अन्य जगहों पर शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति आठ-आठ घंटे के शिफ्ट में की गयी थी. रात में भी शिक्षक अस्पताल में ड्यूटी करते थे.

जिलों ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को भेजी रिपोर्ट

कोविड ड्यूटी में तैनात शिक्षकों की भी संक्रमित होने से हुई मौत

आश्रितों को जल्द मुआवजा देने की मांग

शिक्षक संगठनों ने मृत शिक्षक के आश्रितों को जल्द से जल्द मुआवजा देने की मांग की है. अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा है कि शिक्षकों को मिलनेवाले सेवा लाभ के अतिरिक्त सरकार जल्द से जल्द उनके आश्रितों को अतिरिक्त मुआवजा दे.

शिक्षकों के आश्रितों को अनुकंपा पर नौकरी देने की प्रक्रिया भी पूरी करने की मांग की है. झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ के प्रदेश महासचिव बलजीत सिंह ने कहा है कि शिक्षकों को फ्रंटलाइन वारियर घोषित किया जाये.

Posted By : Sameer Oraon

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