रांची : विश्वव्यापी कोरोना वायरस को लेकर देश में 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान उत्पन्न संकट से निबटने को लेकर झारखंड में कांग्रेस कोटे से सरकार में शामिल तीन मंत्रियों की उच्चस्तरीय बैठक हुई. इसमें सूबे में हर गरीब व्यक्ति तक भोजन-पानी और जरूरतमंद लोगों तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने को लेकर रणनीति पर विस्तार से चर्चा हुई. बैठक में यह संकल्प लिया गया कि इस आपदा की घड़ी में एक भी व्यक्ति की भूख से या इलाज के अभाव में मौत न हो.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सह वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव, कांग्रेस विधायक दल के नेता सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम और कृषि मंत्री बादल पत्रलेख की विभागीय समीक्षा बैठक रविवार को विधायक दल नेता के आवास पर हुई. बैठक में आपात स्थिति से निबटने पर चर्चा हुई. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्यता अभियान प्रभारी सह प्रभारी आलोक दूबे भी उपस्थित थे.
सभी पंचायतों में दस-दस हजार रुपये का विशेष कोष : आलमगीर : ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने बताया कि झारखंड समेत पूरा देश इस वक्त कठिन परिस्थितियों से गुजर रहा है. इस संकट की घड़ी में विधायक निधि से लगभग सभी विधायकों द्वारा 20 से 45 लाख रुपये की सहायता उपायुक्त को उपलब्ध करा दी गयी है, कुछ विधायकों ने मांग की है कि तीन महीने के लिए इस कार्य के लिए उन्हें 50 लाख रुपये से अधिक उपलब्ध कराये जायें. इस संबंध में वे मुख्यमंत्री से बातचीत करेंगे.
ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि सभी पंचायतों में दस-दस हजार रुपये का विशेष कोष स्थापित कर मुखिया और पंचायत प्रतिनिधियों को गरीबों तक राशन और दवा उपलब्ध कराने में सहयोग की अपील की गयी है. इसके अलावा मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी दर को 272 रुपये से बढ़ाने का भी प्रयास किया जा रहा है. रोज कमाने-खाने वाले परिवार के जो सदस्य इस वक्त अपने घर से बाहर दूसरे स्थानों पर फंसे हैं, उन्हें भी सहायता उपलब्ध करायी जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि हर व्यक्ति को भोजन और स्वास्थ्य सुविधा मिल सके.
कालाबाजारी व मुनाफाखोरी पर अंकुश लगाने को लेकर बाजार समितियों को दिये गये हैं निर्देश : बादल : इस दौरान कृषि मंत्री बादल ने बताया कि राज्य के सभी सब्जी विक्रेताओं को अपनी उपज को बाजार तक पहुंचाने के लिए विशेष अनुमति दी जायेगी, ताकि हर परिवार को लॉकडाउन के दौरान ताजी सब्जियां मिल सके. इसके अलावा कालाबाजारी, जमाखोरी और मुनाफाखोरी पर अंकुश लगाने को लेकर बाजार समितियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है. कृषि विभाग द्वारा वेजफेड के माध्यम से राजधानी रांची के 53 वार्डों में उचित मूल्य पर सब्जियां उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए अभी वेजफेड के पांच केंद्र खोले गये हैं और आठ मोबाइल वैन के माध्यम से लोगों को सब्जियां उपलब्ध करायी जा रही है. धीरे-धीरे इस संख्या में और बढ़ोतरी की जायेगी.
कृषि मंत्री ने बताया कि कई स्थानों से यह भी जानकारी मिली है कि दूध की खरीदारी नहीं होने से उनके समक्ष संकट की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. दुग्ध प्रसंस्करण ईकाइयों को आदेश देकर इस संकट को भी जल्द ही दूर कर लिया जायेगा. उन्होंने बताया कि देश के विभिन्न जिलों में राज्य के फंसे करीब 3700 लोगों की सूची मुख्यमंत्री को उपलब्ध करायी गयी है, इस संबंध में अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश किया गया है, लेकिन सिर्फ अधिकारियों के भरोसे ही सारी चीजों को छोड़ने के बजाय अन्य माध्यमों से हल निकालने की कोशिश की जा रही है
कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि उत्पादक के अलावा मत्स्य पालन, मुर्गी-अंडा पालन और मांस विक्रेताओं से जुड़े लोगों की समस्या भी दूर होगी. उन्होंने कहा कि मीट, मछली, अंडा मुर्गा ये संक्रमित नहीं है. प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने बताया कि राज्य के प्रत्येक जिलों, प्रखंडों और थाना क्षेत्रों में भटक रहे लोगों तक भोजन-पानी और स्वास्थ्य की सुविधा उपलब्ध हो सके, इसे लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किया जा चुका है.
राशन कार्ड नहीं होने पर भी दें अनाज : रामेश्वर
इस मौके पर योजना सह वित्त और खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा यह पहले ही निर्णय लिया जा चुका है कि सभी राशन कार्डधारियों को दो महीने का अग्रिम राशन का भुगतान कर दिया जायेगा और जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें भी राशन उपलब्ध कराया जायेगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के कोटे में कृषि, स्वास्थ्य, खाद्य आपूर्ति और ग्रामीण विकास जैसे महत्वपूर्ण विभाग हैं.
हर व्यक्ति तक खाद्यान्न पहुंचाना चुनौती है, लेकिन सरकार शत-प्रतिशत लोगों तक राशन उपलब्ध कराने में सफल होगी. उन्होंने इस कार्य में कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं और सामाजिक संगठनों से भी सहयोग की अपील की है. डॉ उरांव ने यह भी अपील की कि पार्टी कार्यकर्ता इस पर भी नजर बनाये रखें कि लाभ धरातल पर उतर रहा है या नहीं.