Congress Plenary Session 2023: कांग्रेस का तीन दिवसीय 85वां पूर्ण अधिवेशन (Congress Plenary Session) 24 फरवरी से छत्तीसगढ़ में शुरू होने जा रहा है. झारखंड कांग्रेस के 61 प्रतिनिधि इस अधिवेशन में भाग लेंगे. झारखंड प्रदेश कांग्रेस की ओर से अधिवेशन में शामिल होने वाले डेलिगेट्स की पूरी लिस्ट जारी कर दी गयी है. लिस्ट 43 निर्वाचित प्रतिनिधियों के नाम हैं, तो 18 को-ऑप्टेड डेलिगेट्स हैं.
इलेक्टेड डेलिगेट्स में शामिल प्रमुख कांग्रेस नेता
इलेक्टेड डेलिगेट्स में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर, झारखंड सरकार में संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम, राज्यसभा सांसद धीरज साहू, लोकसभा सांसद गीता कोड़ा, प्रदेश के मंत्री बन्ना गुप्ता, बादल पत्रलेख शामिल हैं. इलेक्टेड डेलिगेट्स में बंधु तिर्की, जलेश्वर महतो, सुबोध कांत सहाय, प्रदीप यादव, प्रदीप बलमुचु, सुखदेव भगत, डॉ अजय कुमार, दीपिका पांडेय सिंह, रमा खलखो और गौरव वल्लभ जैसे नेता शामिल हैं.
को-ऑप्टेड डेलिगेट्स में ये लोग हैं शामिल
को-ऑप्टेड डेलिगेट्स में वरिष्ठ कांग्रेस नेता चंद्रशेखर दुबे, फुरकान अंसारी, राकेश सिन्हा, आमिर हाशमी, मधु कोड़ा, केएन त्रिपाठी, विधायक शिल्पा नेहा तिर्की, मंजू कुमारी और श्वेता सिंह शामिल हैं.
2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी एकता पर होगा मंथन
बता दें कि कांग्रेस के तीन दिवसीय अधिवेशन में वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव पर मंथन होगा. इसमें विपक्षी एकजुटता पर चर्चा होगी और आगे का रुख तय किया जायेगा. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट होती जा रही हैं और किसी भी कीमत पर एनडीए सरकार को सत्ता से बेदखल करने की रणनीति पर चर्चा तेज हो गयी है.
नीतीश कुमार ने कही थी ये बात
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अभी-अभी कहा है कि अगर सभी पार्टियां मिलकर हर सीट पर भाजपा के उम्मीदवार के खिलाफ सिर्फ एक प्रत्याशी उतारे, तो बीजेपी लोकसभा चुनाव में 100 सीटें भी नहीं जीत पायेगी. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी विपक्षी एकता की वकालत कर चुकी हैं. अब कांग्रेस को तय करना है कि वह राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए चुनाव लड़ना चाहती है या नरेंद्र मोदी सरकार को हराने के लिए.
छत्तीसगढ़ में हो रहा है कांग्रेस का 85वां अधिवेशन
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने इस बात के संकेत दिये हैं कि मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष कैसे एकजुट हो सकता है, उसके विकल्पों पर कांग्रेस के पूर्ण अधिवेशन में चर्चा होगी. इस दौरान आगे की रणनीति पर भी रुख तय होगा. यहां बताना प्रासंगिक होगा कि यह कांग्रेस का 85वां अधिवेशन होगा. इसके पहले 84 पूर्ण अधिवेशन हो चुके हैं.

