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कोल इंडिया कर्मचारियों के लिए बुरी खबर, पेंशन और पीएफ की घट सकती है राशि, जानें इसकी बड़ी वजह

कोल इंडिया कर्मियों की पेंशन और पीएफ पर छाया संकट, सीएमपीएफ में जमा होनेवाली राशि से अधिक होने लगा है खर्च, रिटायर्ड कर्मियों की संख्या बढ़ने से हुई यह स्थिति

coal india workers news, coai india employees provident fund रांची : कोल इंडिया के कर्मचारियों-अधिकारियों को मिलनेवाली पेंशन और प्रोविडेंट फंड की जमा राशि घटने लगी है. यानी कर्मचारियों द्वारा इस मद में जितनी राशि का योगदान किया जा रहा है, उससे ज्यादा का भुगतान कोल माइंस प्रोविडेंट फंड को रिटायर्ड कर्मियों पर करना पड़ रहा है. इससे आनेवाले दिनों में कर्मचारियों के पेंशन और पीएफ पर संकट आ सकता है.

यह स्थिति पिछले वित्तीय वर्ष से देखने को मिल रही है. इसका कारण यह है कि कोल इंडिया से रिटायर होनेवालों की संख्या बढ़ रही है. इससे पेंशन और पीएफ में योगदान देनेवाले घटते जा रहे हैं. इस पर कोल इंडिया की पेंशन और पीएफ के लिए बनी उच्चस्तरीय बोर्ड ऑफ ट्रस्टी ने चिंता जतायी है.

सीएमपीएफ को पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 में पेंशन मद में 3454.71 करोड़ रुपये मिला था, जबकि 3936.06 करोड़ खर्च करना पड़ा था. वित्तीय वर्ष 2019-20 में सीएमपीएफ को पेंशन मद में हर माह औसतन 308.52 करोड़ रुपये जमा होता था, जबकि 265.40 करोड़ का प्रतिमाह भुगतान होता था. वर्ष 2020-21 में हर माह औसतन करीब 604 करोड़ रुपये जमा हो रहा था, जबकि 744 करोड़ का भुगतान हो रहा था.

इसी तरह इस वर्ष जुलाई तक हर माह औसतन 535.87 करोड़ रुपये जमा हुआ है, जबकि 713.79 करोड़ रुपये भुगतान किया गया है. ऐसे में आनेवाले वक्त में सीएमपीएफ की जमा राशि घटने लगेगी.

करीब 59 हजार की उम्र 55 साल से अधिक :

कोल इंडिया में अभी 2,46,288 कर्मी काम रहे हैं. इसमें से करीब 24 फीसदी कर्मी की उम्र सीमा 55 साल से अधिक है. यह स्थिति एक अप्रैल 2021 की है. करीब 58,482 कर्मी की उम्र सीमा 55 साल से अधिक है. अगले पांच साल में सभी कर्मी रिटायर हो जायेंगे. इसमें सबसे अधिक कर्मी एसइसीएल से हैं. सीसीएल से करीब 5,742 कर्मी रिटायर हो जायेंगे.

रिटायर होने वाले कर्मियों की संख्या बढ़ती जा रही है, जबकि 25 साल से कम उम्र के मात्र 5,260 कर्मी ही कोल इंडिया में काम कर रहे हैं. कोल इंडिया में गैर कर्मचारी संवर्ग में सीधी भर्ती बंद है. केवल अधिकारियों की ही बहाली होती है. गैर अधिकारी संवर्ग में केवल जमीन के बदले और अनुकंपा पर ही नौकरी दी जा रही है.

10 रुपये प्रति टन मिलता है पेंशन मद में

कोल इंडिया उत्पादन का प्रति टन 10 रुपये पेंशन मद में देता है. इसमें कोल इंडिया की कई अनुषंगी कंपनियों ने अपना योगदान दिया है. कुछ कंपनियों ने अपना योगदान नहीं दिया है. बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की बैठक में योगदान नहीं देने वाली कंपनियों को योगदान देने का निर्देश दिया गया है.

कोल माइंस पेंशन में जमा राशि (करोड़ में)

वर्ष जमा राशि खर्च राशि

2019-20 3702.25 3184.75

2020-21 3454.71 3936.06

2021-22 1247 1340.42 (जुलाई तक)

पीएफ में जमा राशि की स्थिति (करोड़ में)

वर्ष जमा राशि खर्च राशि

2019-20 6670.45 6565.52

2020-21 7253.04 8928.47

2021-22 2304 3187.31(जुलाई तक)

पेंशन मद को मजबूत करने पर विचार किया गया है. उम्मीद है कोल इंडिया प्रबंधन से बात कर कुछ रास्ता निकलेगा. जब-जब पेंशन और पीएफ पर संकट हुआ है, कोल इंडिया प्रबंधन का सहयोग मिला है. पेंशन और पीएफ फंड को मजबूत करने के लिए क्या हो सकता है, इस पर गंभीरता से विचार होगा.

– डीडी रामानंदन, सदस्य, सीएमपीएफ बोर्ड ऑफ ट्रस्टी

Posted By : Sameer Oraon

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