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कायाकल्प मॉडल से उत्पादन लक्ष्य तक पहुंचा सीसीएल : गोपाल सिंह

पिछले वित्तीय वर्ष में 67 मिलियन टन उत्पादन लक्ष्य हासिल रांची : सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह ने कहा है कि कायाकल्प मॉडल के कारण सीसीएल उत्पादन लक्ष्य तक पहुंचा है. इस मॉडल को अपना कर कोई भी कंपनी प्रगति कर सकती है. सीसीएल की सफलता का मूल मंत्र यही है. प्रबंधन की पारदर्शिता, कठोर […]

पिछले वित्तीय वर्ष में 67 मिलियन टन उत्पादन लक्ष्य हासिल
रांची : सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह ने कहा है कि कायाकल्प मॉडल के कारण सीसीएल उत्पादन लक्ष्य तक पहुंचा है. इस मॉडल को अपना कर कोई भी कंपनी प्रगति कर सकती है. सीसीएल की सफलता का मूल मंत्र यही है. प्रबंधन की पारदर्शिता, कठोर निर्णय लेने की क्षमता और नैतिक व मानवीय पक्षों का ख्याल रखना इस मॉडल का उद्देश्य है. इससे कंपनी ने पिछले वित्तीय वर्ष में अपना 67 मिलियन टन का उत्पादन लक्ष्य प्राप्त किया है. चालू वित्तीय वर्ष में 80 मिलियन टन के लक्ष्य को भी पूरा करेगी.
कंपनी उत्पादन के साथ-साथ अन्य कार्यों में भी अपनी जिम्मेदारी निभा रही है. सीएमडी श्री सिंह रविवार को कंपनी मुख्यालय में आयोजित वार्षिक प्रेस कांफ्रेंस में बोल रहे थे. सीएमडी श्री सिंह ने कहा कि 2012-13 में कंपनी ने 48 मिलियन टन उत्पादन किया था. आज कंपनी 67 मिलियन टन उत्पादन को पार कर गयी है. पूरे देश में उत्पादन में किसी भी कोयला कंपनी की विकास दर इतनी नहीं है. यह सीसीएल के स्टेक होल्डरों की मदद से संभव हो पाया है. कंपनी का प्रॉफिट बिफोर टैक्स भी 50 फीसदी से अधिक बढ़ा है. 2011-12 में यह 28 फीसदी के करीब था. कंपनी ने ऐसा कर्मियों के काम करने की क्षमता को बढ़ा कर किया है.
अब तमिलनाडु भी जा रहा सीसीएल का कोयला : सीएमडी ने कहा कि कोयला का उत्पादन इतना हो रहा है कि पावर प्लांटों में कोयला की कमी नहीं हो रही है. पहले सीसीएल के कोयला से दिल्ली, पंजाब व यूपी को बिजली मिलती थी. अब तमिलनाडु और वेल्लोर भी कोयला जा रहा है. सीसीएल के कोयला की मांग बढ़ रही है.
जल्द बनेगा कोयला से लिक्विड :
कोयला से लिक्विड बनाने की दिशा में काम हो रहा है. इसमें सीसीएल काफी आगे बढ़ चुका है. इसके लिए जल्द ही एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट निकाला जायेगा. कंपनी चाहती है कि कोयला में नया प्रयोग हो. नयी-नयी तकनीक विकसित की जाये. श्री सिंह ने कहा कि सिंफर सीसीएल के कोयला की गुणवत्ता आंकने के लिए सैंपलिंग का काम कर रहा है. इससे कोयला की कीमत तीसरी पार्टी तय कर रही है. इससे कोयला ग्राहक और कंपनी के बीच के विवाद को कम किया जा सकता है.
मई तक मैक्लुस्कीगंज-पिपरवार रेल ट्रैक से ढुलाई
सीएमडी ने कहा कि मैक्लुस्कीगंज से पिपरवार तक रेल लाइन बनाने का काम शुरू हो गया है. उम्मीद है मई में इससे व्यावसायिक ढुलाई शुरू हो जायेगी. इससे प्रदूषण पर नियंत्रण होगा.
ढ़ुलाई में होनेवाले खर्च को कम किया जा सकेगा. सीएमडी ने कहा कि पिपरवार में एक इको पार्क बनाया गया है. इसी तरह का इको पार्क सभी एरिया में बनाये जायेंगे. कंपनी की खदानों में जमे पानी का कई स्थानों पर उपयोग हो रहा है. राज्य सरकार के साथ मिल कर कंपनी इसके और बेहतर उपयोग के लिए काम करेगी.
Prabhat Khabar Digital Desk
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