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20 हजार केंद्रीय कर्मी रहे हड़ताल पर, किया प्रदर्शन

रांची : केंद्रीय कर्मचारी महासंघ झारखंड के तत्वावधान में गुरुवार को केंद्र सरकार के विभिन्न कार्यालयों में कार्यरत लगभग 20,000 कर्मी हड़ताल पर रहे. कर्मियों ने विभिन्न कार्यालयों के समक्ष प्रदर्शन भी किया. कर्मी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों सहित 21 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे. वहीं रेलवे व प्रतिरक्षा मंत्रालय से जुड़े […]

रांची : केंद्रीय कर्मचारी महासंघ झारखंड के तत्वावधान में गुरुवार को केंद्र सरकार के विभिन्न कार्यालयों में कार्यरत लगभग 20,000 कर्मी हड़ताल पर रहे. कर्मियों ने विभिन्न कार्यालयों के समक्ष प्रदर्शन भी किया. कर्मी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों सहित 21 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे. वहीं रेलवे व प्रतिरक्षा मंत्रालय से जुड़े संगठनों के सदस्य हड़ताल से बाहर रहे.
महासंघ के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष डाॅ सहदेव राम के नेतृत्व में डोरंडा स्थित सर्वे अॉफ इंडिया के कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया गया. डाॅ राम ने कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों में अनियमितता बरती गयी है. 33 लाख कर्मियों व 34 लाख पेंशनभोगियों के बीच उदासीनता का माहाैल है. वेतन आयोग ने न्यूनतम वेतन 18000 रुपये तय किया है, उसे 26000 किया जाना चाहिए. सांसदों-विधायकों के वेतन व भत्ते में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है. वेतन आयोग ने 51 प्रकार के भत्तों को खत्म कर दिया. वेतनमान को एक जनवरी 2016 के प्रभाव से लागू किया गया, लेकिन इसमें आवास भत्ता, शहरी भत्ता, शिक्षा भत्ता को नहीं जोड़ा गया है.
डॉ राम ने कहा कि 11 जुलाई 2016 को देशव्यापी हड़ताल तय थी, लेकिन मंत्री समूह के आश्वासन के बाद उसे स्थगित कर दिया गया था. चालाकी से तीन सब कमेटी का गठन कर दिया गया, लेकिन आज तक कमेटी ने रिपोर्ट नहीं दी है. पुरानी पेंशन योजना को समाप्त करने संबंधी मांग को खारिज कर दिया गया. रिक्त पदों पर भरती नहीं की जा रही है. मौके पर आयकर, डाक विभाग, माैसम विभाग सर्वेयर एसोसिएशन, टोपोग्राफिकल स्टाफ एसोसिएशन, मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन, ड्रॉफ्टमैन एसोसिएशन सहित कर्मचारी क्लास फोर यूनियन के कर्मचारी उपस्थित थे.
कर्मियों की हड़ताल से डाकघरों में कामकाज प्रभावित
रांची. केंद्रीय कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर गुरुवार को झारखंड के सभी डाकघरों में हड़ताल रही. 21 सूत्री मांगों के समर्थन में महासंघ की ओर से राष्ट्रव्यापी हड़ताल आहूत की गयी थी. रांची जीपीओ व डोरंडा प्रधान डाकघर में हड़ताली कर्मचारियों ने तालाबंदी कर कामकाज बाधित किया. हड़ताल की वजह से जीपीओ, प्रधान डाकघर और अन्य डाकघरों के काउंटर बंद रहे. इससे वितरण समेत अन्य कार्य प्रभावित रहा. जीपीओ में अखिल डाक कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय सचिव गौतम विश्वास के नेतृत्व में डाक कर्मियों ने धरना दिया. कर्मियों ने 30 जून 2016 को मंत्रियों के समूहों के आश्वासन के बाद भी वेतन और भत्ता कमेटी की तरफ से न्यूनतम वेतन व फिटमेंट कमेटी गठित कर उचित कार्रवाई नहीं किये जाने और भत्ता कमेटी की अनुशंसा को लागू नहीं किये जाने का विरोध किया गया. डाक कर्मियों ने पेंशनरों की मांगें पूरी नहीं किये जाने का भी विरोध किया. केंद्र सरकार की तरफ से सेवानिवृत्त डाक कर्मियों के पेंशन संबंधी विकल्प-एक को लागू नहीं किये जाने का भी विरोध किया. हड़ताली कर्मियों ने निजीकरण, आउटसोर्सिंग और ठेका प्रथा समाप्त करने, ग्रामीण डाक सेवकों को सिविल सर्वेंट का दर्जा देने, खाली पदों को भरने, अनुकंपा आधारित नियुक्ति पर पांच प्रतिशत तक की सिलिंग समाप्त करने, रेलवे, रक्षा और डाक विभाग में विदेशी पूंजी निवेश को तत्काल स्थगित करने की भी मांग की. हड़ताल पर रवींद्र देव सिंह, चंद्रशेखर, विजय रंजन, धर्मेंद्र, एके खान, खिजू महतो, एनके मंडल, शमीम अख्तर, नवीन सिन्हा व अनिल कुमार समेत पेंशनर एसोसिएशन के एमजेड खान, जीएन शर्मा, टीएन साहू, रमेश सिंह, सतीश कु ठाकुर, जेपी सिन्हा आदि रहे.

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