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बजट 2017 : झारखंड को एम्‍स का तोहफा, गांव का पानी होगा आर्सेनिक व फ्लोराइड मुक्‍त

नयी दिल्‍ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज आम बजट पेश करते हुए झारखंड व गुजरात को एम्‍स का तोहफा दिया है. इसके साथ ही उन्‍होंने ग्रामीण क्षेत्रों में फ्लोराइड और आर्सेनिक युक्‍त पानी से मुक्ति दिलाने की बात कही है. जेटली ने कहा कि 2018 तक देश के 28 हजार गांवों को आर्सेनिक […]

नयी दिल्‍ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज आम बजट पेश करते हुए झारखंड व गुजरात को एम्‍स का तोहफा दिया है. इसके साथ ही उन्‍होंने ग्रामीण क्षेत्रों में फ्लोराइड और आर्सेनिक युक्‍त पानी से मुक्ति दिलाने की बात कही है. जेटली ने कहा कि 2018 तक देश के 28 हजार गांवों को आर्सेनिक एवं फ्लोराइड मुक्‍त कर दिया जायेगा. मालूम हो कि झारखंड के पलामू प्रमंडल व संताल परगना प्रमंडल में सैकड़ों गांवों का भूजल आर्सेनिक व फ्लोराइड युक्त है. इसके लिए बजट में बड़ी राशि का प्रावधान किया गया है. उन्‍होंने कहा कि केंद्र सरकार का यह बजट गरीबों और गांवों के विकास का बजट है.

जेटली ने कहा कि झारखंड और गुजरात में दो नये अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान स्थापित किये जाएंगे. उन्होंने कहा कि बजट में उचित मूल्यों पर औषधि की उपलब्धता और जनेरिक औषधियों को बढ़ावा देने के लिए औषधि और सौन्दर्य प्रसाधन नियमावली में संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है. चिकित्सा उपकरणों को विनियमित करने के लिए नयी नियमावली तैयार की जायेगी.

उन्‍होंने कहा कि ये नियम अंतरराष्‍ट्रीय नियमों के अनुसार होंगे और इस क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करेंगे. इससे इन उपकरणों की लागत कम हो जाएगी. जेटली ने कहा कि केंद्रीय बजट में 2017 तक कालाजार, फाइलेरिया 2018 तक कुष्ठ तथा 2020 तक खसरा समाप्त करने के लिए कार्य योजना पेश करने के साथ झारखंड और गुजरात में दो नये अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है.

बजट प्रस्तावों में कहा गया है कि औषधियों की उचित मूल्यों पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए औषधि और सौन्दर्य प्रसाधन नियमावली में संशोधन किया जाएगा. वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने आज संसद में वर्ष 2017-18 का आम बजट पेश करते हुए बताया कि सरकार ने 2017 तक कालाजार और फाइलेरिया, 2018 तक कुष्ठ तथा 2020 तक खसरा समाप्त करने के लिए कार्य योजना तैयार की है. 2025 तक तपेदिक को भी समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है.

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार नवजात शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) जो 2014 में 39 थी, उसे घटाकर 2019 तक 28 करने तथा मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) को 2011-13 के 167 से घटाकर 2018-20 तक 100 करने के लिए भी कार्य योजना बनायी गयी है. जेटली ने 1.5 लाख स्वास्थ्य उप-केंद्रों को स्वास्थ्य और सेहत केंद्रों में परिवर्तित करने का भी प्रस्ताव किया.

Prabhat Khabar Digital Desk
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