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खाद-बीज दुकान संचालकों के लिए अब ”देसी” की डिग्री जरूरी

झारखंड में खाद-बीज की दुकान चलानेवालों के लिए डिप्लोमा इन एग्रीकल्चरल एक्सटेंशन फॉर इनपुट डीलर्स (देसी) का कोर्स जरूरी हो गया है. रांची : डिप्लोमा इन एग्रीकल्चरल एक्सटेंशन फॉर इनपुट डीलर्स (देसी) डिग्री के बिना लाइसेंस रिनुअल नहीं हो सकेगा. भारत सरकार ने भी इसके लिए दिशा- निर्देश जारी कर दिया है. राज्य सरकार यहां […]

झारखंड में खाद-बीज की दुकान चलानेवालों के लिए डिप्लोमा इन एग्रीकल्चरल एक्सटेंशन फॉर इनपुट डीलर्स (देसी) का कोर्स जरूरी हो गया है.
रांची : डिप्लोमा इन एग्रीकल्चरल एक्सटेंशन फॉर इनपुट डीलर्स (देसी) डिग्री के बिना लाइसेंस रिनुअल नहीं हो सकेगा. भारत सरकार ने भी इसके लिए दिशा- निर्देश जारी कर दिया है. राज्य सरकार यहां खाद-बीज की दुकान संचालित कर रहे डीलरों के लिए कोर्स का संचालन कर रही है. कोर्स एक साल का है. कोर्स फीस की आधी राशि सरकार देगी.
पूरे राज्य में चलाया जाना है कोर्स : कृषि विभाग का स्टेट एग्रीक्लचरल मैनेजमेंट एंड एक्सटेंशन ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (समेति) को इस कोर्स का नोडल एजेंसी बनाया गया है. यह कोर्स 2013-14 से संचालित हो रहा है. उस वक्त डीलरों के लिए यह कोर्स जरूरी नहीं था. इस कारण कोर्स करनेवाले व्यापारियों की संख्या भी कम थी. जब से भारत सरकार ने इसे आवश्यक कर दिया है, हरेक बैच में डीलरों की संख्या पूरी हो जा रही है. पूरे राज्य में इस कोर्स को चलाना है. हरेक जिलों में फैकल्टी खोजा जा रहा है.
रविवार को होती है कक्षा
इसके लिए हरेक रविवार को कक्षाएं होती है. इस कोर्स में 40 थ्योरी और आठ प्रैक्टिकल कक्षाएं होनी है. इसका कोर्स मैनेज हैदराबाद ने डिजाइन किया है. कोर्स में 80 फीसदी उपस्थिति जरूरी है. हरेक क्लास का अटेंडेंस हैदराबाद भेजा जाता है. 2016-17 में हजारीबाग, देवघर और रांची में यह कोर्स संचालित किया जा रहा है. रांची में कोर्स शुरू हो गया है. कोर्स फीस कुल 20 हजार रुपये है. इसमें 10 हजार रुपये भारत सरकार और 10 हजार रुपये अभ्यर्थी को देना है. इसमें कोर्स मैटेरियल भी दिया जाता है.
दिख रहा है असर
पूरे राज्य में इस तरह का कोर्स डीलरों के लिए चलाना है. डीलरों के लिए भी यह कोर्स आवश्यक है. सभी डीलरों को इससे जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. इसका असर भी दिख रहा है.
पीके चटर्जी, प्रोग्राम कोर्डिनेटर

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