एजेंसियां, नयी दिल्लीदेश में अनाथ बच्चों की जीवनदशा को बेहतर बनाने के तमाम उपाय किये जाने का समर्थन करने के बावजूद सरकार ने सरकारी नौकरियों में उनके आरक्षण की संभावना को शुक्रवार को नकार दिया. उसने कहा कि मौजूदा संवैधानिक बाध्यताओं और अन्य जटिलताओं को देखते हुए इनके लिए अलग से आरक्षण देने की व्यवस्था नहीं की जा सकती. सरकारी नौकरियों में अनाथ बच्चों को आरक्षण देने के संदर्भ में राज्यसभा में लाये गये निजी विधेयक पर हस्तक्षेप करते हुए कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने इंदिरा साहनी मामले में आये फैसले का हवाला दिया और कहा कि आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती है. कहा कि इसलिए इस संबंध में आरक्षण का कोई और प्रावधान करना संभव नहीं है. अनाथ बच्चों को दी जा सकनेवाली सुविधाओं के मामलों पर गौर करने के लिए एक समिति के गठन की मांग के बारे में जितेंद्र सिंह ने कहा कि वह इस बारे में संबंधित मंत्रालय को अवगत करा देंगे, क्योंकि उनका मंत्रालय सिर्फ आरक्षण के मुद्दे पर ही विचार कर सकता है. मंत्री ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि विगत चार वर्षों में सरकार की विभिन्न योजनाओं के कारण कुल 95,590 बच्चे लाभान्वित हुए हैं. अनाथ बच्चों के प्रति अपनी संवेदना का इजहार करते हुए उन्होंने कहा कि यह बेहद दु:खद है कि हजारों बच्चे धार्मिक स्थानों पर खाने की पंक्तियों में खड़े मिलते हैं.
सरकार ने अनाथ बच्चों के लिए आरक्षण की संभावना नकारी
एजेंसियां, नयी दिल्लीदेश में अनाथ बच्चों की जीवनदशा को बेहतर बनाने के तमाम उपाय किये जाने का समर्थन करने के बावजूद सरकार ने सरकारी नौकरियों में उनके आरक्षण की संभावना को शुक्रवार को नकार दिया. उसने कहा कि मौजूदा संवैधानिक बाध्यताओं और अन्य जटिलताओं को देखते हुए इनके लिए अलग से आरक्षण देने की व्यवस्था […]
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