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रांची : खुले में शौच से मुक्ति के लिए युद्ध स्तर पर करें काम : परमेश्वरण अय्यर
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के सचिव ने सभी उपायुक्तों को स्वच्छता मिशन व जल जीवन मिशन पर दिये कई निर्देश रांची : केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के सचिव परमेश्वरण अय्यर ने राज्य के सारे उपायुक्तों से कहा कि वे खुले में शौच से मुक्ति के लिए युद्ध स्तर पर काम करें . उन्होंने कहा कि […]
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के सचिव ने सभी उपायुक्तों को स्वच्छता मिशन व जल जीवन मिशन पर दिये कई निर्देश
रांची : केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के सचिव परमेश्वरण अय्यर ने राज्य के सारे उपायुक्तों से कहा कि वे खुले में शौच से मुक्ति के लिए युद्ध स्तर पर काम करें . उन्होंने कहा कि अगले दो माह में हमें खुले में शौच को पूरी तरह से खत्म करना है. इसके लिए छह लाख शौचालयों का निर्माण करना होगा. हर दिन अलग-अलग जिलों में 700 से 900 के बीच शौचालय का निर्माण कराना होगा. युद्ध स्तर पर काम करना होगा, ताकि मार्च तक लक्ष्य पूरा हो सके.
उन्होंने उपायुक्तों से कहा कि जिन शौचालय का निर्माण हो चुका है या जिनका काम चल रहा है, उनकी भौतिक स्थिति को विभाग की साइट पर अपलोड कर दें, ताकि खर्च के उपयोगिता प्रमाण पत्र के आधार पर अगले साल की राशि केंद्र सरकार राज्य सरकार दे सके. केंद्रीय सचिव ने कहा कि अभी तक इस मद पर 88.36 करोड़ रुपये के खर्च का ब्योरा केंद्र सरकार को नहीं मिल पाया है. केंद्रीय सचिव बुधवार को झारखंड मंत्रालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सारे उपायुक्तों को आवश्यक निर्देश दे रहे थे. मौके पर मुख्य सचिव डॉ डीके तिवारी भी मौजूद थे.
हर घर नल से जल कार्यक्रम में तेजी लायें
श्री अय्यर ने उपायुक्तों से कहा कि वे हर घर नल से जल कार्यक्रम में तेजी लायें. उन्होंने कहा कि नल से जल का राष्ट्रीय औसत 18 प्रतिशत है, जबकि झारखंड का 6.5 प्रतिशत ही है. उन्होंने झारखंड में जंगल है. पहाड़ हैं. यहां की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि इस कार्य को करना एक चुनौती है, फिर भी इसे करने की जरूरत है.
उन्होंने राज्य की सोलर एनर्जी के माध्यम से घरों में नल से जल की योजना की प्रशंसा की. इससे हर गांव, पंचायत, प्रखंड व जिला को जोड़ने की बात कही. केंद्रीय सचिव ने उपायुक्तों से कहा कि स्वच्छता मिशन के काम को मिशन मोड में पूरा करें. उन्हों ने कहा कि स्वच्छता मिशन के तहत सॉलिड-लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट, ड्रेनेज, सेप्टिक टैंक, प्लास्टिक कचरा के निष्पादन के कार्य अगले चरण में होने हैं.
शौचालयों की स्थल जांच करायें डीसी : मुख्य सचिव
मुख्य सचिव डॉ डीके तिवारी ने उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे शौचालयों की स्थल जांच करायें. सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के दौरान प्रखंड, पंचायत आदि का दौरा करें और वहां के शौचालयों का भौतिक सत्यापन करें. ध्यान रखें कि आंकड़े सही हो, ताकि गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं बचे.
उन्होंने कहा कि जिन शौचालयों का कार्य 90 प्रतिशत तक पूरा कर चुका है, उसके खर्च का ब्योरा, भौतिक स्थिति व लाभुकों की तस्वीर अपलोड करें. मुख्य सचिव ने कहा कि ये सारी चीजें उपयोगिता प्रमाण पत्र के साथ विभाग की वेबसाइट में अपलोड किये जायें. यह काम एक सप्ताह के अंदर करते हुए केंद्र सरकार से राशि की मांग करने को कहा है. उन्होंने कहा कि गढ़वा और चाईबासा में सर्वाधिक उपयोगिता प्रमाण पत्र लंबित हैं. वहां के उपायुक्तों को इसे प्राथमिकता के तहत निबटारा करने का निर्देश दिया.
केंद्रीय सचिव मिले मुख्यमंत्री हेमंत से
केंद्रीय सचिव परमेश्वरण अय्यर ने बुधवार को झारखंड मंत्रालय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की. इस दौरान विभागीय योजनाअों के विषय में सचिव ने उन्हें जानकारी दी. पेयजल एवं स्वच्छता की योजनाअों से अवगत कराया. मौके पर राज्य के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की सचिव अाराधना पटनायक, नगर आयुक्त मनोज कुमार, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल जी तिवारी उपस्थित थे.
ये अफसर थे उपस्थित
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय में निदेशक युगल जोशी, सीनियर कंसल्टेंट आनंद शेखर और निर्मल नीर परियोजना के निदेशक मनोज कुमार आदि.
क्या कहा सचिव ने
1. अभी तक केंद्र सरकार को शौचालय निर्माण मद की 88.36 करोड़ के खर्च का हिसाब नहीं मिला है
2. लक्ष्य पूरा करने के लिए हर दिन जिलों में 700 से 900 के बीच शौचालय बनाना होगा
3. खुले में शौच मुक्त के लिए छह लाख शौचालय बनाने होंगे
4. जल का राष्ट्रीय औसत 18 प्रतिशत है, जबकि झारखंड का 6.5 प्रतिशत
5. भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यह कार्य करना एक चुनौती
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